लखीमपुर खीरी: AIPF की टीम का दौरा, जांच रिपोर्ट में मंत्री के इस्तीफे की मांग


दिनांक 11 अक्टूबर 2021 को ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट की टीम ने लखीमपुर खीरी में दिनांक 3 अक्टूबर 2021 को हुए नरसंहार की मौके पर जा कर जांच की। इस टीम का नेतृत्व एस. आर. दारापुरी, पूर्व आइजी एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट ने किया तथा डॉ. बृज बिहारी, महासचिव मजदूर किसान मंच तथा डॉ. बी आर गौतम, अध्यक्ष आइपीएफ उत्तर प्रदेश शामिल रहे।

जांच टीम ने सबसे पहले ग्राम बलवीरपुर तिकोनिया रोड पर घटनास्थल का निरीक्षण किया। घटनास्थल के निरीक्षण से मौके पर प्रदर्शनकारी किसानों के जूते चप्पल मौजूद पाए गए। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि घटना के 3.30 बजे के करीब किसान हेलीपैड का घेराव करने के बाद सड़क पर बहुत आराम से वापस आ रहे थे, उनके हाथ में काले झंडे थे। लगभग 3.30 बजे बलवीरपुर गाव की तरफ से तीन गाड़ियां हूटर बजाती हुई बहुत तेज रफ्तार से आईं और प्रदर्शनकारियों को रौंदती हुई चली गईं। इनमें सबसे आगे थार महेन्द्रा जीप थी, उसके बाद काले रंग की फारच्‍यूनर तथा उसके पीछे स्कार्पियो थी। यह उल्लेखनीय है घटना वाली रोड सिंगल रोड है और उस पर काफी भीड़ थी। आगे जा कर थार जीप सामने से आ रही बस से टकरा कर बाएं पलट गई। जीप में से एक व्यक्ति फायर करता हुआ निकल कर दाईं तरफ भागा और लोग उसका पीछा कर रहे थे परंतु वहां पर मौजूद पुलिस ने उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया और वह व्यक्ति आगे गन्ने के खेत में छुप गया। अगर पुलिस प्रदर्शनकारियों को नहीं रोकती तो वह व्यक्ति पकड़ा जाता।

बाद में वीडियो से पता चला कि सफेद शर्ट वाला जीप चला रहा व्यक्ति गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी का बेटा आशीष मिश्रा ही था जबकि मंत्री और उसका बेटा घटनास्थल पर मौजूद न होने का दावा करते रहे हैं। पुलिस को घटनास्थल से पहले का एक सीसीटीवी फुटेज मिला है जिसमें आशीष मिश्र जीप में ड्राइवर सीट पर बैठते हुए दिखाई देता है। घटनास्थल पर ड्राइवर सीट पर सफेद शर्ट वाला व्यक्ति ही दिखाई देता है जिससे से यह सिद्ध हो गया है कि थार जीप को चला रहा व्यक्ति आशीष मिश्रा ही था जिसे अब गिरफ्तार कर किया गया है।

यह उल्लेखनीय है कि उस दिन हेलीपैड पर किसानों के विरोध प्रदर्शन का मुख्य कारण कुछ दिन पहले गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा द्वारा किसानों को सुधर जाने तथा पलिया ही नहीं उत्तर प्रदेश छुड़वा देने की धमकी थी। इससे आक्रोशित हो कर किसानों ने हेलीपैड घेर कर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के विरोध का आयोजन किया था जिस कारण वह हेलीपैड पर नहीं उतर पाए थे और उनके कार्यक्रम स्थल पर आगमन का रोड रूट बदलना पड़ा था। इस पर किसान हेलीपैड का घेराव खत्म करके वापस जा रहे थे जब उनके ऊपर पीछे से गाड़ियां चढ़ा कर हत्या की गई।

प्रदर्शनकारियों को कुचलने की घटना से पहले किसानों ने भाजपा के कई नेताओं की गाड़ियों को बहुत आराम से जाने दिया था। इसलिए यह कहना बिल्कुल गलत है कि किसानों ने किसी गाड़ी पर हमला किया। यह बात किसानों को कुचलने की मुख्य घटना के वीडियो से भी स्पष्ट है।

मुख्य बिन्दु यह है कि जब मंत्री के आने का रूट बदल दिया गया था तो फिर प्रदर्शनकारियों वाली रोड पर गाड़ियां क्यों आईं। यह प्रतीत होता है कि प्रदर्शनकारी किसानों को सबक सिखाने और दहशत पैदा करने के लिए आशीष मिश्रा और उसके साथी तेज रफ्तार तीन गाड़ियों से आए और उन्होंने किसानों को कुचल दिया। एक और बात उल्लेखनीय है कि जब घटनास्थल से थार जीप के एक व्यक्ति हरी ओम मिश्रा जिसे आशीष मिश्रा अपना ड्राइवर कहता है को लोगों ने पकड़ कर पुलिस को सौंप दिया था और जिसका फ़ोटो भी उपलब्ध है, उसकी मृत्यु कैसे हो गई और उसकी लाश घटनास्थल से अन्यत्र कैसे मिली है। जांच के दौरान यह भी पाया गया है कि हरी ओम मिश्रा पीली धारीदार कमीज पहने था जबकि घटना के समय ड्राइवर सफेद रंग की  कमीज पहने था। ऐसा प्रतीत होता है कि हरी ओम मिश्र की हत्या इसी लिए कर दी गई ताकि वह घटना के समय आशीष मिश्र द्वारा जीप चलाने की बात पुलिस को न बता दे। अतः हरी ओम मिश्रा की मौत की जांच किए जाने की भी जरूरत है। आईपीएफ टीम द्वारा हरी ओम मिश्रा को पुलिस को सौंपने का फ़ोटो भी भेज दिया गया है।

घटनास्थल पर गाड़ियों द्वारा कुचले गए चार किसानों की मौत हो गई तथा काफी संख्या में घायल भी हो गए थे। इसमें एक पत्रकार तथा तीन भाजपा कार्यकर्ता भी मारे गए थे। सरकार ने सभी मृतक किसानों को 45 लाख का मुआवजा देने की घोषणा की है। भाजपा द्वारा अज्ञात किसानों के विरुद्ध अपने तीन कार्यकर्ताओं को पीट पीट कर मारने का सुमित जायसवाल जो कि थार जीप से निकल कर भागा था, द्वारा मुकदमा भी लिखाया गया है। अब तक इस मामले में तीन अभियुक्त आशीष मिश्र तथा दो अन्य को गिरफ्तार किया जा चुका है।

घटनास्थल के निरीक्षण के बाद जांच टीम घटना में कुचल कर मरने वाले पत्रकार रमन कश्यप के परिवार से निघासन कस्बे में मिली। उसके पिता से संवेदना व्यक्त की। उसके पिता ने बताया कि उनके बेटे को जीप द्वारा कुचल कर मार दिया गया है जबकि आजतक चैनल वालों ने कहा था कि आप रमन को किसानों द्वारा पीट पीट कर मारने का बयान दीजिए परंतु उन्होंने ना कर दिया। रमन का परिवार मध्य वर्गीय किसान परिवार है। रमन का एक बच्चा भी है। रमन ही परिवार में कमाने वाला मुख्य व्यक्ति था।

इसके बाद आइपीएफ की जांच टीम जीप से कुचल कर मारे जाने वाले लवप्रीत सिंह के घर चौखड़िया फार्म पहुंची। वहाँ पर उसके पिता सत्नाम सिंह से मिली। उसने बताया कि लवप्रीत की उम्र केवल 18 साल थी और उनका परिवार बिल्कुल सीमांत किसान है क्योंकि उनके पास कुल दो एकड़ जमीन है। लवप्रीत ही घर की खेती संभालता था। उससे छोटी दो बहनें हैं। देखने से पाया गया कि उनका मकान बहुत छोटा और अधूरा है। उसमें खिड़कियां वगैरह भी नहीं लगी हैं। लवप्रीत की माँ की तबीयत काफी खराब चल रही है और वह बार बार बेहोश हो जा रही है। लवप्रीत की मौत से उसका परिवार बिल्कुल बेसहारा हो गया है। आइपीएफ द्वारा मृतक के परिवार से गहरी संवेदना प्रकट की गई।

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उसके परिवार को 45 लाख का मुआवजा दिया गया है। इसके अतिरिक्त पंजाब सरकार तथा छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा भी 50-50 लाख मुआवजा देने की घोषणा की गई है। उसी दिन गुरुद्वारा में लवप्रीत की अंतिम अरदास भी रखी गई थी जिसमें आइपीएफ के टीम ने भाग लिया। आज घटना स्थल पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया है जिसमें लाखों किसानों के भाग लेने की संभावना है।

इस विवरण से यह साफ होता है कि सचेतन रूप से किसानों की हत्या की गई है। किसानों को न्याय मिले इसके लिए आइपीएफ प्रदेश के न्याय पसंद लोकतांत्रिक मूल्यों में विश्वास करने वाले उन सभी लोगों को जो इस घटना से आहत है एक मंच बनाने के लिए शीध्र ही लखनऊ में बैठक बुलाएगा। आइपीएफ की तरफ से सीतापुर और दुद्धी में अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा।

लखीमपुर में किसानों के उक्त नरसंहार की जांच उपरांत आइपीएफ सरकार से निम्नलिखित मांग करता है-

1. लखीमपुर खीरी में किसानों के नरसंहार के जिम्मेदार केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र को मंत्री परिषद् से बर्खास्त किया जाए और एफआइआर के अनुरूप उन्हें गिरफ्तार कर पूछताछ की जाए।

2. आंदोलनरत किसानों की वाजिब मांग तीनों काले कृषि कानूनों की वापसी और एमएसपी पर कानून बनाने को स्वीकार कर उन्हें न्याय दिलाया जाए।

3. बढ़ती महंगाई पर रोक लगाई जाए और रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य के अधिकार की गारंटी की जाए तथा हर हाल में लोकतंत्र की रक्षा की जाए।

एस आर दारापुरी
राष्ट्रीय अध्यक्ष,
ऑल इंडिया पीपुल्स फ्रन्ट     


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