वो जो सवाल करता रहा… : अनिल चौधरी की याद में

उन्हें कभी ख़ुद को केंद्र में रहने का शौक़ नहीं था। उन्होंने हमेशा वह रास्ता चुना जो लंबा था, मुश्किल था, लेकिन जिसमें सांगठनिक प्रक्रियाओं का निर्माण था, लोगों की ताक़त बढ़ाने की कोशिश थी, और नीचे से नेतृत्व को उभारने की मेहनत थी। 14 अप्रैल 2025 को कैंसर से लंबी लड़ाई के बाद उनका निधन हुआ। वे शायद कोई श्रद्धांजलि सभा पसंद न करते, लेकिन उस इंसान की बात किए बिना नहीं रहा जा सकता जिसने न सिर्फ हम में से कई लोगों को, बल्कि उस राजनीतिक स्थान और माहौल को बनाने में चार दशकों में एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है।

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इंदौर: प्रलेस के स्थापना दिवस पर पॉल रॉब्सन और राहुल सांकृत्यायन को याद किया गया

इस अवसर पर विख्यात, क्रांतिकारी नीग्रो गायक पाल राब्सन और हमारे समय के महान यायावर लेखक राहुल सांकृत्यायन का जन्म दिवस होने पर उन्हें याद किया गया।

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कठघरे में मिलॉर्ड? न्यायपालिका से न्यायिक जवाबदेही का अभियान

अनेक संगठनों व व्यक्तियों के द्वारा गठित यह राष्ट्रीय मंच इस पहल के माध्यम से समस्त न्यायपालिका से न्यायिक जवाबदेही को लेकर एक दीर्घकालिक अभियान की शुरुआत कर रहा है।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट से हाल में आए एक फैसले पर महिला संगठनों का CJI को खुला पत्र

दशकों से लैंगिक न्यायशास्त्र विकसित करने में न्यायविदों, महिलाओं और महिला संगठनों द्वारा की गई प्रगति को यह फैसला अदृश्य बना देता है

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छत्तीसगढ़ : युद्धविराम और संवाद के लिए एक अपील

हम दोनों पक्षों से अपील करते हैं कि वे हर प्रकार की हिंसा को तत्काल प्रभाव से रोकने के लिए युद्धविराम को स्वीकार करें और इसकी औपचारिक घोषणा करें। अब किसी भी पक्ष की ओर से कोई शत्रुतापूर्ण कार्रवाई नहीं होनी चाहिए—चाहे वह सैन्य अभियान, गैर-न्यायिक हत्याएं और मुठभेड़ हों, आईईडी विस्फोट और नागरिकों की हत्या हो या किसी भी प्रकार की हिंसा।

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आज़मगढ़ : राहुल सांकृत्यायन की विरासत को आगे बढ़ाने की ली गई शपथ

आज़मगढ़ नागरिक समाज ने राहुल सांकृत्यायन के ननिहाल पन्दहा जहां उनके नाम से प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक विद्यालय है वहां की खस्ताहाल सड़क बनवाने की मांग की। जिससे राहुल को खोजते हुए देश दुनिया के लोग आसानी से पहुंच सकें।

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तीन दिन से जारी है मारुति के मजदूरों का दमन, प्रशासन ने नहीं माना कोर्ट का आदेश

मारुति सुजुकी के अस्थायी श्रमिकों ने पिछले तीन दिनों में मानेसर और गुरुग्राम में पुलिस कार्रवाई के बावजूद असाधारण साहस और संकल्प दिखाया और पीछे हटने से साफ इनकार कर दिया। प्रबंधन और पुलिस-प्रशासन लंबे समय से चल रही इस कार्रवाई के बावजूद श्रमिकों को डराने और उनके संघर्ष को रोकने में सफल नहीं हो पा रहे हैं।

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ग्रीनपीस इंडिया का पूर्व-बजट प्रस्ताव: नई शहरी गतिशीलता नीति में ‘क्लाइमेट टिकट्स’ से मिलेगी सार्वजनिक परिवहन को नई दिशा

मसौदा नीति में न्यायसंगत, टिकाऊ और समावेशी सार्वजनिक परिवहन प्रणाली का विस्तार से उल्लेख किया गया है, जिससे परिवहन सभी के लिए अधिक किफायती और सुलभ बन सके। इसमें  “क्लाइमेट टिकट्स” जैसे प्रमुख सुझाव शामिल हैं, जो मुफ्त या रियायती सार्वजनिक परिवहन विकल्प प्रदान करते हैं।

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गुरुग्राम: मारुति कर्मचारियों का आंदोलन तेज, 30 जनवरी को लामबंदी और मार्च

मांगपत्र 9 जनवरी, 2025 को कंपनी प्रबंधन को भी सौंपा गया। श्रम विभाग ने 31 जनवरी, 2025 को कंपनी प्रबंधन और संघ के साथ त्रिपक्षीय बैठक निर्धारित की है। प्रदर्शन में हरियाणा के मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भी सौंपा गया और 30 जनवरी को आईएमटी मानेसर में बड़े पैमाने पर लामबंदी और मज़दूर मार्च की घोषणा की। विभिन्न राज्यों के अस्थाई मज़दूरों और मारुति से निकाले गए मज़दूरों के प्रतिनिधियों की एक कार्यसमिति इस आंदोलन का नेतृत्व कर रही है।

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कासगंज: NIA कोर्ट के फैसले में NGO/CSO पर टिप्पणी और PUCL की प्रतिक्रिया

पैराग्राफ 185-188 में की गई टिप्पणियां कानूनी सहायता दिलवाने, तथ्यान्वेषी दौरों और आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाने के मानवाधिकार संगठनों के काम को अवैध ठहराने का प्रयास करतो हैं। उपरोक्त सभी महत्वपूर्ण संवैधानिक उपकरण हैं जिनका उपयोग स्वतंत्र संगठन सही तथ्यों की जांच करने, जवाबदेही तय करने और सांप्रदायिक दंगों के पीड़ितों के लिए सहायता सुनिश्चित करने के लिए करते आए हैं। संगठनों पर आक्षेप लगाकर माननीय न्यायालय राज्य के खिलाफ काम करने वाले “राष्ट्र-विरोधी” हितों के निराधार आख्यान का सहारा ले रहा है।

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