मौजूद नीतियों के चलते आदिवासियों की सभ्यता-संस्कृति का विलोपन एक अनिवार्य परिणति है!

अप्रैल से लेकर जून तक का समय माइनर फारेस्ट प्रोड्यूस (लघु वन उत्पाद) को एकत्रित करने का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है। वर्ष भर एकत्रित होने वाले कुल एमएफपी का लगभग 60 प्रतिशत इसी अवधि में इकट्ठा किया जाता है किंतु दुर्भाग्य से कोविड-19 की रोकथाम के लिए लॉकडाउन भी इसी अवधि में लगाया गया।

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सोनभद्र: हत्‍याकांड की पहली बरसी पर उम्‍भा के लोग गांव में ही नज़रबंद, ज़मीन के बदले मिला धोखा

सोनभद्र के उम्‍भा गांव में आदिवासियों के हत्‍याकांड का एक वर्ष पूरा होने के अवसर पर आज पूरे गांव को ही नजरबंद कर दिया गया है. लोगों को काम पर …

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सोनभद्र: आदिवासी हत्याकांड की पहली बरसी पर शहीदों के परिवार और कांग्रेसी नेता गिरफ्तार

मिर्जापुर टोल प्लाजा पर कांग्रेस नेता राजेश मिश्रा, अजय राय, प्रदेश महासचिव विश्वविजय सिंह, प्रदेश सचिव सरिता पटेल समेत सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता गिरफ्तार किये गये हैं। ये सभी नेता उम्भा में शहीद हुए आदिवासियों को पुष्पांजलि अर्पित करने जा रहे थे।

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कोरोना की आपदा के बीच कोल ब्लॉक की नीलामी किसको आत्मनिर्भर बनाने के लिए है?

कोरोना की आपदा को क्या खनन कंपनियों के लिये अवसर में बदलने की तैयारी चल रही है? कोल ब्लॉक को लेकर केंद्र सरकार जो कुछ करने जा रही है, उससे …

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गुजरात: लॉकडाउन में आदिवासियों की ज़मीन लेने पहुंचा प्रशासन, अदालत ने खारिज की थी PIL

छोटूभाई वसावा ने अपने फेसबुक पर ज़मीन अधिग्रहण के लिए आयी पुलिस और आदिवासियों द्वारा किये गये उसके विरोध की वीडियो और तस्वीरें साझा की हैं

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