कौन वह भारत-भाग्य-विधाता है!

‘गण’ मूलतः वैदिक शब्द था। वहाँ ‘गणपति’ और ‘गणनांगणपति’ ये प्रयोग आए हैं। इस शब्द का सीधा अर्थ समूह था। देवगण, ऋषिगण पितृगण-इन समस्त पदों में यही अर्थ अभिप्रेत है। भारतीय संस्कृति में प्रत्येक गांव एक गण समूह होता था वह अपने कार्यों और उत्तरदायित्वों के प्रति स्वयं उत्तरदायी होता था। उसके ऊपर किसी अन्य का कोई अधिकार नहीं होता था। भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार उस भूभाग के समस्त गण गणपति का चुनाव करते थे जो उन्हें आवश्यकतानुसार सलाह देता था विशेषकर खेती और पशुओं की समृद्धि के लिए।

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धार्मिक आधार पर राजनीति करना सुभाष बोस की नज़र में ‘राष्ट्र के साथ द्रोह’ था!

सुभाषचंद्र बोस ने काँग्रेस के अध्यक्ष बनने पर इस ख़तरे को महसूस किया और 16 दिसंबर 1938 को एक प्रस्ताव पारित करके काँग्रेस के संविधान में संशोधन किया गया और हिंदू महासभा तथा मुस्लिम लीग के सदस्यों को काँग्रेस की निर्वाचित समितियों में चुने जाने पर रोक लगा दी गई।

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असाधारण, अप्रत्याशित, अभूतपूर्व: एक नज़र में 2020 का पूरा बहीखाता

एक ऐसा वर्ष जो चार जीवित पीढ़ियों ने अपने जीते जी नहीं देखा! एक ऐसा वर्ष जिसकी न हमने कल्पना की, न आगे करेंगे। 2020- असामान्य, अप्रत्याशित और अभूतपूर्व साल, जिसे हम भूलना चाहेंगे पर भुला नहीं पाएंगे। एक परिक्रमा पूरे वर्ष की घटनाओं के आईने में।

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