राग दरबारी: मुसलमान ही नहीं, कई जातियों को बीजेपी ने अछूत बना दिया है
सवाल यह नहीं है कि लोकतांत्रिक पद्धति में मुसलमानों की हैसियत खत्म हो गयी है या नहीं हो पायी है। सवाल यह है कि मुसलमानों की हैसियत कितनी रह गयी है? और इसका जवाब यह है कि मुसलमानों की हैसियत पिछले सात वर्षों में बिहार व उत्तर प्रदेश के यादवों, हरियाणा के जाटों, महाराष्ट्र के महारों और उत्तर प्रदेश के जाटवों से थोड़ी ज्यादा ही बुरी है।
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