पत्रकार उत्पीड़न के तीन केस में PVCHR ने डाली NHRC में अर्ज़ी, उन्नाव में पीड़ित के परिजन को मिला मुआवजा


उत्‍तर प्रदेश के बलिया जिले में अमर उजाला के पत्रकारों के खिलाफ पेपर लीक प्रकरण में हुआ मुकदमा और मध्‍य प्रदेश के सीधी जिले में पत्रकारों व रंगकर्मी को थाने में हिरासत में अर्धनग्‍न परेड करवाए जाने का मामला अब केंद्रीय मानवाधिकार आयोग के पास पहुंच गया है। दोनों ही मामलों को मानवाधिकार जन निगरानी समिति ने आयोग में दर्ज करवाया है।

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इसके अतिरिक्‍त ओडिशा के बालेश्‍वर में एक पत्रकार को अस्‍पताल में हथकड़ी से बांधे जाने के प्रकरण में भी समिति ने तत्‍काल मानवाधिकार आयोग में शिकायत दायर की थी।

मानवाधिकार जन निगरानी समिति (पीवीसीएचआर) के सीईओ डॉ. लेनिन रघुवंशी लंबे समय से मानवाधिकार उल्‍लंघन के मामलों को आयोग में ले जाकर पीडि़तों को हक और मुआवजा दिलवाने के काम में लगे हुए हैं। पत्रकार उत्‍पीड़न के मामले को आयोग में ले जाने पर उनका कहना है कि संयुक्‍त राष्‍ट्र के मुताबिक पत्रकार भी मानवाधिकार रक्षक माने गए हैं, लिहाजा उनके साथ किसी भी तरह का कार्य के दौरान दुर्व्‍यवहार या उत्‍पीड़न मानवाधिकार उल्‍लंघन की ही श्रेणी में आएगा।

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ऐसे कई मामलों में अतीत में डॉ. लेनिन को कामयाबी मिल चुकी है और पीडि़तों को उन्‍होंने इंसाफ दिलवाया है। एकदम ताजा मामला उन्नाव जिले में भाटपुरी, बांगरमऊ थाना क्षेत्र में सब्जी बेचने वाले एक लड़के फैसल का है जिसमें डॉ. लेनिन की शिकायत पर उसके परिजनों को पांच लाख रुपये मुआवजे का आदेश जारी हुआ है।

उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में भाटपुरी, बांगरमऊ थाना क्षेत्र में सब्जी बेचने वाले एक लड़के फैसल उम्र 18 पिता इस्लाम को स्थानीय कोतवाली पुलिस के दो पुलिस वाले विनय चौधरी (कांस्टेबल) और सत्यप्रकाश (होम गार्ड) ने बेरहमी से पीट दिया था जिससे फैसल कि मौत हो गई थी| यह घटना 20 मई 2021 को हुई थी। इस दर्दनाक घटना से पीड़ित का पूरा परिवार बदहाल हो गया था| इस मामले के प्रकाश में आने के बाद मानवाधिकार जन निगरानी समिति के संयोजक डॉ. लेनिन रघुवंशी ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, नई दिल्ली में 22 मई, 2022 को मामला दर्ज करवाया था जिस पर आयोग ने 22 मई 2022 को तत्काल वाद संख्या 13140/24/71/2021-ad दर्ज करते हुए उक्त मामले को अतिगंभीरता से लेते हुए तत्काल 24 मई को उन्नाव के जिलाधिकारी को नोटिस तलब कर छह सप्ताह में रिपोर्ट देने का आदेश दिया गया था।

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जिलाधिकारी की रिपोर्ट प्राप्ति को बाद 5 लाख मुआवजा भुगतान के आदेश दिए थे, परन्तु सरकार द्वारा पैसा भुगतान नहीं होने पर मानवाधिकार आयोग ने 22 अक्तूबर 2021 को राज्य के मुख्य सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसके बाद इस मामले में अंततः राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने 11 अप्रैल 2022 को राज्य के मुख्य सचिव को 5 लाख रुपया मुआवजा भुगतान करने के साथ उक्त घटना में शामिल पुलिसवालो पर आइपीसी की धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं।

फिलहाल, बलिया जिले में दिग्विजय सिंह और अन्‍य पत्रकारों पर हुए मुकदमे और गिरफ्तारी के खिलाफ डॉ. लेनिन ने जो शिकायत दर्ज करवायी है उसे एनएचआरसी ने डायरी संख्‍या 5246/IN/2022 में दर्ज किया है। इसके अलावा सीधी जिले में पत्रकारों की अर्धनग्‍न परेड करवाए जाने के मामले को भी आयोग ने डायरी संख्‍या 5528/IN/2022 के अंतर्गत दर्ज किया है। ओडिशा के बालेश्‍वर में पत्रकार उत्‍पीड़न का मामला डायरी संख्‍या 5493/IN/2022 में आयोग द्वारा दर्ज है।

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