मऊ, 16 मार्च: संयुक्त किसान मोर्चा और वामपंथी दलों ने श्रमिक संगठनों के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर निजीकरण के विरोध में मऊ रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन किया और राष्ट्रपति को संबोधित 5 सूत्री मांगपत्र रेल स्टेशन अधीक्षक को सौंपा। प्रदर्शन में माकपा, भाकपा (माले), इंकलाबी मजदूर केंद्र, ऑल इंडिया किसान फेडरेशन, उत्तर प्रदेश किसान सभा, एसयूसीआइ (सी), किसान संग्राम समिति, ऐक्टू शामिल रहे।
पत्रक देने के बाद लोगों को संबोधित करते हुए किसान फेडरेशन के नेता अनुभव दास ने कहा कि मोदी सरकार खेती किसानी सहित देश के सारे संसाधन और सार्वजनिक संस्थानों को बेच देना चाहती है, सरकार अपनी सामाजिक जिम्मेदारी से मुंह चुरा रही है। रेल, सेल, भेल, तेल व गैस सब कुछ निजी हाथों में सौंप कर देश में बेरोजगारी का पहाड़ खड़ा कर रही है मोदी सरकार।
लोगों को संबोधित करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता अर्चना उपाध्याय ने कहा कि योगीराज में महिलाओं और गरीबों पर हमले तेज हुए हैं। अपराधियों को गिरफ्तार कर सजा दिलाने की जगह सरकार अपराधियों के पक्ष में खड़ी है, उल्टे बलात्कार की घटनाओं में शिकायत करने वाले वालों को ही मौत के घाट उतार दिया जा रहा है।
लोगों को संबोधित करते हुए साहित्यकार व अभिनव कदम के संपादक जयप्रकाश धूमकेतु ने कहा कि किसान विरोधी काले कानून से देश के खाद्यान्न पर बड़ी पूंजीपतियों का कब्जा हो जाएगा। देश के खाद्य सुरक्षा कानून पर भी खतरा मंडरा रहा है। सरकार से असहमति रखने वाले साहित्यकारों पत्रकारों छात्रों नौजवानों को राष्ट्रद्रोही कहा जा रहा है और उनको जेलों में बंद किया जा रहा है। देश के लोकतंत्र को अराजकतन्त्र में बदला जा रहा है, किसानों का आंदोलन देश बचाने का आंदोलन है।
भाकपा (माले) के जिला सचिव बसंत कुमार ने कहा कि भारत पर आज पूरी दुनिया में हंसी उड़ाई जा रही है। फ्रीडम हाउस और अन्य संगठनों ने रिपोर्ट दिया है कि भारत में लोकतंत्र और आजादी अब आंशिक है। मोदी योगी राज में बेरोजगारी और अराजकता एक साथ बढ़ी है, कितनी शर्म की बात है बुद्ध और गांधी के देश में किसी बालक को पानी पीने के लिए इतनी बेरहमी से पीटा जा रहा है, समाज के अंदर नफरत का जहर कितना गहरा है इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। यह सब एक विचारधारा द्वारा लगातार किया जा रहा है जिससे हम नौजवानों, मजदूरों, किसानों को एक बेहतर समाज बनाने के लिए नफरत के विचार को खारिज करना होगा।
प्रदर्शन प्रमुख रूप से सरोज सिंह, अरविंद मूर्ति, वीरेंद्र कुमार, रामजी सिंह, मरद्दू प्रजापति, शमशुलहक चौधरी, शिवमूरत गुप्ता, देवनाथ यादव, सुरेश, जंग बहादुर लाल जी, सुभाष चौहान, राजेश सिंह, संजय, रामबली, साधु यादव, जितेंद्र, विजय, अजमल बेलाली, इमरान, अरविंद विनोद राजभर, लल्लन सिंह, हाफिज, गोकुल आदि उपस्थित रहे।