नेपाल के प्रेस काउंसिल ने भारत के प्रेस काउंसिल को ज़ी न्यूज़ द्वारा नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के खिलाफ़ किये जा रहे दुष्प्रचार पर एक गम्भीर पत्र लिखते हुए सूचना दी है कि नेपाल ने भारत सभी निजी टीवी चैनलों को फिलहाल अपने यहां प्रतिबंधित कर दिया है।
मामला प्रधानमंत्री ओली का चरित्र हनन करते हुए चलाये गये एक प्रोग्राम से जुड़ा है जिसमें ज़ी न्यूज़ ने नेपाल में चीन की राजदूत हाउ यांकी के साथ उनके रिश्तों को लेकर झूठी और अश्लील सामग्री प्रस्तुत की गयी थी।
प्रेस काउंसिल नेपाल के अध्यक्ष किशोर श्रेष्ठ ने अपने भारतीय समकक्ष जस्टिस चंद्रमौलि कुमार प्रसाद को लिखा है:
भारत के ज़ी न्यूज़ द्वारा बनायी और चलायी गयी तथा सोशल मीडिया पर सनसनी के रूप में प्रसारित की गयी फर्जी स्टोरी ने एक कपोलकथा दिखायी कि नेपाल के प्रधानमंत्री का नेपाल में चीन की राजदूत हाउ यांकी के साथ एक प्रसंग है। वीडियो स्टोरी ने न सिर्फ फर्जी सूचना का फंतासीकरण किया है बल्कि सम्प्रभु राष्ट्र की अखंडता पर हमला भी किया है। इस घटना ने नेपाल और भारत की जनता व सरकारों के बीच मौजूदा तनाव को और बढ़ा दिया है।
Kishor Shreshtha, Chairman, Press Council Nepal
उन्होंने भारत के कई टीवी चैनलों पर नेपाल के सम्बंध में निराधार खबरें दिखाने का आरोप लगाया है। उन्होंने पत्र में आगे लिखा है:
फिलहाल इस घटना से उनजी परिस्थिति के चलते दूरदर्शन को छोड़ कर भारत के सभी टीवी चैनलों को नेपाल में प्रतिबंधित कर दिया गया है। हम आपसे अनुरोध करते हैं कि सम्बद्ध मीडिया आउटलेट के साथ संवाद/कार्रवाई करते हुए उन्हें आप मीडिया एथिक्स पर बने रहने की याद दिलाएंगे…।
Kishor Shreshtha, Chairman, Press Council Nepal
पत्र की शुरुआत में उन्होंने भारत के कुछ टीवी चैनलों के बारे में कहा है कि वे निरंतर नेपाल की अखंडता और सम्प्रभुता के खिलाफ अभियान चलाए जा रहे हैं। उन्होंने लिखा है:
मीडिया द्वारा दुष्प्रचार का जो अभियान नेपाल द्वारा अपने राजनीतिक मानचित्र में लिंपियाधुरा को शामिल करने के ऐतिहासिक निर्णय के सम्बंध में चलाये गये फर्जी समाचारों से शुरू हुआ था, वह प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को बदनाम करने तक जा पहुंचा है जिसके बारे मैं आश्वस्त हूं कि आप इसे पत्रकारिता के नाम पर कलंक मानेंगे।
Kishor Shreshtha, Chairman, Press Council Nepal
इस पत्र के साथ ही नेपाल के केबल और सैटेलाइट टीवी प्रदाताओं ने नेपाल में आज से भारतीय चैनलों का प्रसारण रोक दिया है। इस मसले पर काठमांडू पोस्ट ने कड़े शब्दों में एक संपादकीय भी लिखा है।