केन्द्र सरकार के द्वारा आम जनता के अधिकारों विशेषकर मजदूर और किसानों के अधिकारों पर हो रहे हमले के खिलाफ 23 जुलाई को देशव्यापी मजदूर-किसान आंदोलन का आहवान किया गया था. मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले में विरोध प्रदर्शन सीपीएम (CPI-M) के नेता रामलल्लू गुप्ता की अगुवाई में किया गया जिसके बाद अपराध क्रमांक 654/2020 धारा 269,270, 188 भादवि 3, 4 महामारी अधिनियम व 52 आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर रामलल्लू गुप्ता, सुंदर यादव, बीरेन्द्र सिंह, तेजनारायण, शिवशंकर वैश्य, रामकृष्ण कुशवाहा, गौरीशंकर और श्यामबिहारी सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया.
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इस प्रदर्शन में सीटू, किसान सभा, खेत मजदूर यूनियन, आदिवासी एकता सभा व देश के अन्य विभिन्न संगठनों के द्वारा “देश नहीं बिकने देंगे” के नारे के साथ सरकार जनविरोधी नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया. विरोध प्रदर्शनकारियों की मांग है कि आगामी छह माह तक प्रत्येक व्यक्ति को 10 किलो मुफ्त अनाज, आयकर से बाहर प्रत्येक परिवार को प्रत्येक माह 7500 (सात हजार पांच सौ) रुपये सहायता राशि, मनरेगा मजदूरों को 200 दिन काम के साथ 600 (छह सौ) रुपये मेहताना, बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता दिया जाय.
दोपहर के 13:15 के आसपास जिले के महाजन मोड़ से कलेक्ट्रेट कार्यालय तक अपने करीब छह से सात साथियों के साथ शारीरिक दूरी व माहामारी नियमों का अनुपालन करते हुए जिलाधिकारी को ज्ञापन देने कार्यालय के गेट पर गुप्ता पहुंचे ही थे कि निरीक्षक अरुण कुमार पाण्डेय ने सबको हिरासत में ले लिया. रामलल्लू गुप्ता का कहना है कि द्वेषपूर्वक गलत आरोप लगा कर सरकार गलत नीतियों के खिलाफ उठ रही आवाजों को बंद करना चाह रही हैं पर हम सरकार के दमनकारी नीतियों से डरने वाले नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन की सूचना उन्होंने वाट्सऐप के माध्यम् से एसडीएम को पहले ही दे दी थी, साथ ही सीआइडी के अधिकारियों व कलेक्ट्रट के कार्यालय को भी सूचित कर दिया था. उनके मुताबिक “स्थानीय प्रशासन दोहरे मापदंड के तहत मेरे व मेरे साथियों पर कार्यवाही कर रहा है”.
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गुप्ता ने कहा, “राज्य सरकार के इशारे पर सरकारी अमला नियमों के विरुद्ध काम कर रहा है और सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ उठ रहे विरोध के स्वर को असंवैधानिक रूप से दबाया जा रहा है, जो गलत है. मुझे न्यायपालिका और संविधान पर भरोसा है. मेरे खिलाफ कार्यवाही पर मैं न्यायालय में जवाब दूँगा. हम जनपक्ष में हमेशा खड़े रहे हैं और आगे भी खड़े ही मिलेंगे.
स्थानीय पुलिस प्रशासन का कहना है कि रामलल्लू व अन्य के खिलाफ माहामारी नियमों को तोड़ने पर कार्यवाही की गई है.