छत्तीसगढ़: ‘छोटे मोदी’ का नरम हिन्दुत्व और भोंपू मीडिया असली के सामने हार गया है!

पांच साल पहले भाजपा को ठुकरा कर जनता ने कांग्रेस को मौका दिया था कि वह भाजपा की सांप्रदायिक-कॉर्पोरेटपरस्त नीतियों का विकल्प पेश करे, लेकिन सत्ता में आने के बाद कांग्रेस ने ‘नरम हिंदुत्व’ की राह पर चलने और आदिवासियों का जल-जंगल-जमीन पर स्वामित्व छीनने की ही राह अपनाई।

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बस्तर: सिलगेर आंदोलन को एक साल पूरा होने पर जुटे हजारों आदिवासी, विशाल प्रदर्शन

साल भर पहले मारे गए आदिवासियों की पहली बरसी मनाने के लिए दूर-दूर से चलकर आदिवासी तीन दिन पहले ही यहां पहुंच गए थे। आंदोलन के नेता रघु ने बताया कि 15, 16 और 17 मई के कार्यक्रम में पूरे बस्तर से आदिवासी इकट्ठा हुए थे। मुख्य कार्यक्रम 17 मई को था।

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हसदेव में खनन के खिलाफ़ आदिवासियों की आवाज़ पहुंची दिल्ली, राहुल गांधी करेंगे हस्तक्षेप

राहुल गांधी के साथ मुलाकात में प्रतिनिधिमंडल ने उन्हें 15 जून 2015 को मदनपुर गांव में आयोजित उनकी चौपाल में ग्राम सभाओं के संघर्ष के साथ खड़े होने के उनके पहले के वायदे की याद दिलाते हुए न्यायसंगत भूमिका की मांग की।

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छत्तीसगढ़: CBA के प्रतिनिधिमंडल को सिलगेर जाने से रोका गया, आज रायपुर में राज्यपाल से वार्ता

छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के प्रतिनिधिमंडल में संयोजक आलोक शुक्ला, छत्तीसगढ़ किसान आंदोलन के संयोजक सुदेश टीकम, छत्तीसगढ़ किसान सभा के राज्य अध्यक्ष संजय पराते, एक्टू के प्रदेश महासचिव बृजेन्द्र तिवारी, सामाजिक कार्यकर्ता बेला भाटिया व इंदु नेताम आदि शामिल थे।

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गोवा : IIT प्रोजेक्ट को बंद करने के लिए आदिवासी नेताओं ने दिया सरकार को 10 दिन का अल्टिमेटम

ऐसा नहीं होने पर वे 20 जनजातीय संगठनों के साथ भारी विरोध प्रदर्शन शुरू करेंगे. इन नेताओं ने अनुसूचित जाति और ओबीसी नेताओं और मंत्रियों से अपील की है कि आदिवासियों पर पुलिसिया बर्बरता के खिलाफ आवाज उठाएं.

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जिन आदिवासियों की ज़मीन में से कोयला निकाला जाना है, वार्ता की मेज़ से वे गायब क्यों हैं?

किसी को यह याद दिलाने की आवश्यकता नहीं है कि आदिवासी सबसे अधिक हाशिये के समुदायों में से हैं। वे भारत की 1.3 बिलियन की आबादी का मात्र 8 प्रतिशत बनाते हैं, लेकिन पिछले दशकों में विकास परियोजनाओं द्वारा विस्थापित 60 मिलियन लोगों में से लगभग 40 प्रतिशत आदिवासी ही हैं। उनमें से केवल 25 प्रतिशत का ही पुनर्वास हुआ है, लेकिन किन्हीं को भी उनका पूरा अधिकार नहीं मिला है।

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