शामली चीनी मिल को कब्जे में ले सरकार वरना किसान उसे शहीदों को करेंगे समर्पित: PM को पत्र

इस क्षेत्र के पीड़ित किसान एवं अन्य तमाम जनता का माननीय प्रधानमंत्री जी से सादर अनुरोध है कि सरकार तुरंत इस चीनी मिल को अपने कब्जे में लेकर खुद संचालन करे और आजादी के दौरान इनके द्वारा जबरन फांसी पर चढ़ाए गए शहीद भगत सिंह, सुखदेव सिंह और राजगुरु के नाम से मिल प्रांगण में स्मारक स्थल बनाये।

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स्वास्थ्य सेवाओं के राष्ट्रीयकरण की ज़रूरत और प्रासंगिक मांगें

आमतौर पर जो अनुभव कोविड काल का रहा, उसमें देखा गया कि न केवल ग़रीब लोगों के लिए निजी स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध नहीं थीं बल्कि जो पैसे खर्च करने में सक्षम थे, उन्हें भी निजी स्वास्थ्य सेवाओं से वो सेवाएँ नहीं मिल सकीं जिनके लिए वो बरसों-बरस भारी रकम लुटाते रहे हैं। ज़्यादातर काम वही सरकारी अस्पताल और सरकारी डॉक्टर और स्टाफ आया जिसे निजीकरण के युग में हाशिये पर धकेला जा रहा था, जिनकी ज़मीनें बेचीं जा रहीं थी, जिनके स्टाफ को ठेके पर रखा जा रहा था, जहाँ से दवाइयाँ मुफ़्त देना बंद किया जा रहा था।

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समय की आवश्यकता है कि सभी निजी स्वास्थ्य सेवाओं का राष्ट्रीयकरण हो!

वर्ष 2019-20 में भारत में रूपये 1765 प्रति व्यक्ति स्वास्थ्य पर औसतन खर्च किया जा रहा था, यानि मात्र रूपये 3.50 प्रति व्यक्ति प्रतिदिन का खर्च। उन्होंने कहा कि सरकार ने सरकारी स्वास्थ्य खर्चों में कटौती करने के साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं के निजीकरण को नीतिगत बढ़ावा दिया। देश के कुछ राज्य तो सिर्फ निजी स्वास्थ्य सेवाओं के हवाले कर दिए गए हैं जिसके चलते सामान्य स्वास्थ्य सेवाएं खुले बाजार की व्यवस्था में लूट का माध्यम बन गई हैं।

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