
औरत की मेहनत पर टिकी दुनिया, पर हक़ कहाँ है?
इतिहास की धारा को बदलने का काम सिर्फ राजा-महाराजा नहीं करते, बल्कि संघर्ष करने वाली औरतें भी करती हैं, लेकिन उनका इतिहास अब तक लिखा नहीं गया है। अगर इतिहास को सचमुच पूरा लिखना है तो उसमें किरण देवी जैसी औरतों की कहानियाँ भी शामिल करनी होंगी क्योंकि औरत का संघर्ष हाशिए पर नहीं, बल्कि इतिहास के केंद्र में होना चाहिए।
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