उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के फूलपुर थानान्तर्गत थाने गाँव में दिनांक 4 अप्रैल, 2020 को मुसहरों व गाँव के दबंगों के बीच हुई झड़प में दोनों पक्षों के घायल होने व मुसहरों के घरों के जलने के बावजूद इस मामले में पुलिस द्वारा मुसहरों के खिलाफ एकतरफा कार्यवाही करते हुए FIR 0103/2020 5 मई 2020 को सुबह 4.40 पर किया गया और उसमें केवल मुसहर समुदाय के लोगों को ही नामजद किया गया। इस मामले में वाराणसी के मानवाधिकार व सामाजिक कार्यकर्ता मंगला राजभर को भी फर्जी तरीके से फंसा कर मुक़दमे में नाम दर्ज कर दिया गया था। उनके ऊपर दो एफआइआर हुई थी।
उक्त दोनों मुकदमों में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा सामाजिक कार्यकर्ता मंगला प्रसाद को अग्रिम जमानत दे दी गयी है, जिसे मंगला द्वारा वाराणसी के जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, थानाध्यक्ष फूलपुर और सम्बंधित केस के विवेचना अधिकारी को प्रेषित किया गया है।
ABAILA_5380_2020इस पूरे प्रकरण की शिकायत मानवाधिकार जननिगरानी समिति के सीईओ डॉ. लेनिन रघुवंशी ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से की थी, जिस पर आयोग ने इसे संज्ञान में लेते हुए उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी करते हुए कार्यवाही हेतु निर्देशित किया था। (राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में दर्ज केस संख्या- 7297/24/72/2020)
इस मामले में पहली FIR पुलिस के सब इंस्पेक्टर लक्ष्मण प्रसाद शर्मा द्वारा दर्ज करवायी गयी थी जिसमे 40-50 अज्ञात लोगों के साथ 26 आरोपी के नामों का उल्लेख किया गया है। लॉकडाउन होने के पश्चात् मंगला राजभर ने कोईरीपुर मुसहर बस्ती में मुसहरों में बेरोजगारी व सरकारी स्तर पर मिलने वाली खाद्यान्न की मदद की अनुपलब्धता के कारण बस्ती के लोग अकरी खाने को मजबूर की खबर उन्होंने उजागर की थी जिससे प्रशासनिक अमले में काफी हड़कंप मच गया जिसका प्रशासन ने खंडन किया और उसी के तहत यह फर्जी मुकदमा किया गया।
ABAILA_5382_2020इस पूरे मामले में पुलिस के कार्यवाही पर प्रश्न खड़ा होता है कि इस केस में मुसहर समुदाय की तरफ से कोइ FIR क्यों दर्ज नहीं की गयी जबकि मुसहर समुदाय के लोग दबंगों से मार खाने के बाद फूलपुर थाने गये थे जहां से उन्हें भगा दिया गया और पुलिस भी मुसहर लोगों की शिकायत पर ही गाँव में आयी थी।
मानवाधिकार जननिगरानी समिति द्वारा लोगों से यह अपील की गयी कि “सामाजिक कार्यकर्ता मंगला राजभर के ऊपर दर्ज फर्जी मुक़दमे को हटाने का आदेश करे” जिस पर देश भर से सैकडों लोगों ने पेटीशन पर हस्ताक्षर कर मुख्यमंत्री को भेजा। एक अभियान के तहत पूरे देश और साथ ही भारत के बाहर से भी इस अभियान में लोग जुड़कर लगातार हस्ताक्षर कर रहे हैं।