केंद्र सरकार द्वारा 24 दिसंबर को संयुक्त किसान मोर्चा को भेजे गये पत्र के जवाब में आज शाम मोर्चे के घटक संगठनों और नेताओं ने दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के सरकार को अपनी ओर से चार एजेंडे भेजे हैं और बैठक का समय दिया है।
किसान संगठनों ने संयुक्त सचिव, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, विवेक अग्रवाल को भेजे पत्र में सबसे पहले तो कहा है कि सरकार किसानों की मांगों को लेकर गलतबयानी न करे और सरकारी तंत्र का इस्तेमाल कर के किसानों के खिलाफ दुष्प्रचार बंद करे।
चालीस संगठनों के इस मोर्चे ने अगली बैठक के लिए 29 दिसंबर को दिन में 11 बजे का वक्त सरकार को दिया है और चार एजेंडे क्रम से रखे हैं:
- तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद्द/निरस्त करने के लिए अपनायी जाने वाली क्रियाविधि;
- सभी किसानों और कृषि वस्तुओं के लिए राष्ट्रीय किसान आयोग द्वारा सुझाए लाभदायक MSP पर खरीद की कानूनी गारंटी देने की प्रक्रिया और प्रावधान;
- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अध्यादेश, 2020 में संशोधन जो अध्यादेश के दंड प्रावधानों से किसानों को बाहर करने के लिए जरूरी है;
- किसानों के हितों की रक्षा के लिए विद्युत संशोधन विधेयक 2020 के मसौदे में ज़रूरी बदलाव।
किसानों द्वारा की गयी प्रेस कान्फ्रेंस को नीचे देखा जा सकता है।