ओडिशा: जमीन कब्जाने के लिए गांव को पुलिस ने बनाया बंधक, SKM का शांति मार्च और प्रेस वार्ता


ओडिशा के जगतसिंहपुर जिले में ढिंकिया के लोग अपनी ज़मीन, अपना जीवन और आजीविका की रक्षा के लिए जिंदल स्‍टील वर्क्‍स नामक कंपनी के खिलाफ मज़बूत आंदोलन छेड़े हुए हैं। यहां ओडिशा सरकार के निर्देश पर कंपनी के लिए ज़मीन अधिग्रहण किये जाने के नाम पर पुलिस द्वारा भारी दमन देखने में आ रहा है। हर नये दिन यह दमन और अमानवीय व बर्बर शक्‍ल लेता जा रहा है। यहां के लोगों के सभी मानवाधिकारों और संवैधानिक अधिकारों पर हमला किया जा रहा है जबकि वे अपनी जमीन और आजीविका को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। ग्रामीण यहां पान की फसल मुख्‍य रूप से उगाते हैं जिसे बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया गया है। प्रशासन ने जोर-जबर और आतंक का वातावरण कायम कर दिया है। आगामी दिनों में पान के दूसरे खेतों पर भी नष्‍ट किये जाने का खतरा मंडरा रहा है।    

संयुक्‍त किसान मोर्चा, ओडिशा का एक प्रतिनिधिमंडल इस क्षेत्र में 6 जनवरी को दौरे पर गया था ताकि हालात का जायजा ले सके। यह पाया गया कि गांव के तीन तरफ से प्रवेश द्वार पर बैरिकेड लगाकर तकरीबन परे गांव को बंधक बना लिया गया है। भारी संख्‍या में ओडिशा पुलिस और आइआरबी की तैनाती सहित पुलिस कैम्‍पों के कारण गांव वालों का आना जाना और सामान्‍य जीवन ठप है।

ग्रामीणों को नैतिक समर्थन और प्रोत्‍साहन देने के लिए एसकेएम, ओडिशा के प्रतिनिधिमंडल ने ढिंकिया से महाला और पटाना होते हुए एक शांति मार्च निकाला ताकि उनके नष्‍ट किये गए खेतों का जायजा लिया जा सके। इस मार्च में सैकड़ों पुरुषों, महिलाओं और युवाओं ने हिस्‍सा लिया क्‍योंकि वे खुद अपने नष्‍ट किये गए खेतों को देखने अब तक नहीं निकल सके थे। पूरे रास्‍ते पुलिस की तैनाती रही। इसके अलावा एक ड्रोन कैमरा हवा में तैनात था। देर शाम को हुई एक बैठक में एसकेएम, ओडिशा के सभी सदस्‍यों ने संघर्षरत ग्रामीणों को अपना समर्थन दिया और उनके साथ एकजुटता जतायी।

शुक्रवार को हुई प्रेस मीट में एसकेएम, ओडिशा ने साफ तौर से बताया कि कैसे लोगों को उनके गांव में कैद कर दिया गया है। रात में पुलिस के छापे, थाने में ग्रामीणों का हिरासत में लिया जाना और अपने प्‍लॉट बेने के लिए डराया धमकाया जाना आम बात हो गयी है। अनगिनत ग्रामीणों पर फर्जी मुकदमे लाद दिए गए हैं जिससे आतंक का माहौल है। घरों में घुस कर पुलिस द्वारा महिलाओं को धमकाए जाने की बात भी सामने आयी है।

एसकेएम, ओडिशा का एक प्रतिनिधिमंडल इस मसले पर बीती 4 जनवरी को राज्‍यपाल से मिला था और क्षेत्र से पुलिसबल को हटाकर ढिंकिया में अमन चैन की बहाली की अपील की थी।

शुक्रवार को हुई प्रेस मीट में एसकेएम, ओडिशा ने राज्‍य सरकार ने निम्‍न मांगें रखी हैं:

1. क्षेत्र से तत्‍काल पुलिसबल को हटाया जाय। लोगों की आवाजाही और दैनिक गतिविधियों को बहाल करने के लिए उपाय किये जाएं।

2. सारे फर्जी मुकदमे वापस लिए जाएं और गिरफ्तार लोगों को रिहा किया जाय।

3. पान के खेतों को नष्‍ट करने की कार्रवाई बंद की जाय क्‍योंकि ग्रामीणों की आजीविका उसी पर टिकी है।

4. कारपोरेट लोभ और मुनाफे के लिए इलाके की कृषि अर्थव्‍यवस्‍था को चौपट करने वाले जेएसडब्‍लू प्रोजेक्‍ट को तत्‍काल बंद किया जाय।

5. पोस्‍को के लिए लोगों से ली गयी 2700 एकड़ ज़मीन उन्‍हें वापस की जाय।

एसकेएम ओडिशा की टीम में निम्‍न व्‍यक्ति शामिल थे:

शशिभूषण स्‍वाईं, सुरेश पाणिग्रही, प्रफुल्‍ल सामंतराय, महेंद्र पारीदा, खिरोद सिंह देव, भालचंद्र षडंगी, श्रीकान्‍त मोहन्‍ती, प्रमिला बहेड़ा, निरंजन मोहन्‍ती, ज्‍योतिरंजन महापात्रा, संकर साहू, नरेंद्र मोहन्‍ती, अरुण जेना, रंजना पाढ़ी, देब प्रसाद राय और सुदर्शन प्रधान।

नोट: इस मुद्दे पर पीछे के घटनाक्रम को जानने के लिए नीचे दिए अखबारों की खबरें देखें।


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