दुनिया के गरीब देशों की जनता को वैक्सीन मुहैया करवाने के लिए प्रोग्रेसिव इंटरनेशनल द्वारा वैक्सीन अंतरराष्ट्रीयतावाद पर बुलाया गया चार दिन का शिखर सम्मेलन सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के साथ समाप्त हो गया। मुख्य रूप से दक्षिणी गोलार्द्ध के 20 देशों के राजनेताओं, स्वास्थ्यकर्मियों, वैक्सीन निर्माताओं और जन स्वास्थ्य विशेषज्ञों की प्रतिभागिता वाले इस सम्मेलन में भारत से केरल की सरकार ने हिस्सा लिया और राज्य के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने दो अहम बातें अपने सम्बोधन में कहीं।
केरल के मुख्यमंत्री विजयन ने वैक्सीन उत्पादन को विस्तार देने की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि वे इंस्टिट्यूट ऑफ एडवांस्ड वाइरोलॉजी में एक अनुसंधान इकाई की शुरुआत करेंगे और केरल स्टेट ड्रग्स एंड मैन्युफैक्चरर्स जैसी सार्वजनिक इकाइयों को वैक्सीन निर्मित कर के निर्यात करने की अनिवार्यता लागू करेंगे।
उन्होंने सम्मेलन को बताया कि ‘’अनिवार्य लाइसेंसिंग के विकल्पों को तलाशा जाना चाहिए और वैक्सीन उत्पादन में सक्षम सरकारी क्षेत्र की दवा कंपनियों को तत्काल सक्रिय किया जाना चाहिए।‘’
सोमवार को भारत में 18 वर्ष से ऊपर की उम्र वाले नागरिकों के लिए टीकाकरण अभियान शुरू किया गया है। इस संदर्भ में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के माध्यम से केंद्र ने प्रत्येक उच्च शिक्षा संस्थान को ‘’सबके लिए मुफ्त वैक्सीन’’ के लिए प्रधानमंत्री मोदी को शुक्रिया अदा करने का बैनर टांगने के निर्देश दिये हैं। अभी कुछ ही दिन पहले राष्ट्र के नाम सम्बोधन में प्रधानमंत्री ने सभी को केंद्र की ओर से वैक्सीन उपलब्ध करवाने की बात कही थी।
इनके आलोक में भारत के संघीय ढांचे को पैदा हो रहे खतरों और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के वैक्सीन राष्ट्रवाद के बरक्स सम्मेलन के केंद्रीय विचार ‘वैक्सीन अंतरराष्ट्रीयतावाद’ के बीच परस्पर विरोध की स्थिति में अकेले केरल सरकार अपनी प्रतिबद्धताओं को कितना लागू कर पाएगी, इस बारे में सोमवार की शाम हुई समापन प्रेस कॉन्फ्रेंस में जनपथ की ओर से एक सवाल पूछा गया था। इसके जवाब में सम्मेलन की संयोजक प्रोग्रेसिव इंटरनेशनल की वर्षा गंडिकोटा नेलुतला ने बताया:
पिनरायी विजयन ने अपनी ओर से 11 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को वैक्सीन अंतरराष्ट्रीयतावाद को लेकर पत्र लिखा था और प्रांतीय सरकारों के माध्यम से ही इस विचार के विस्तार की परिकल्पना की गयी है।
वर्षा गंडिकोटा नेलुतला
प्रोग्रेसिव इंटरनेशनल की ओर से कैरिना माफिला ने इस सम्बंध में केनिया में किसुमु की प्रांतीय सरकार का हवाला दिया और बताया कि संघीयता के मामले में यही हाल ब्राजील में भी है। उन्होंने कहा कि जो राष्ट्र सीधे तौर पर वैक्सीन अंतरराष्ट्रीयतावाद से नहीं जुड़ रहे हैं वहां उनकी स्थानीय सरकारों के माध्यम से एक मॉडल निर्मित करने की कोशिश की जाएगी ताकि धीरे-धीरे इस मॉडल को दूसरे राज्य अपनाएं।
केरल के प्रस्ताव के अलावा क्यूबा और मेक्सिको ने अपने यहां घरेलू स्तर पर निर्मित वैक्सीनों को दूसरे प्रतिभागियों के साथ क्लीनिकल ट्रायल और लाइसेंसिंग में गठजोड़ की पेशकश की है। केन्या की किसुमु काउंटी के गवर्नर अन्यांग न्योंगो ने अर्जेंटीना, क्यमबा और मेक्सिको को अपने यहां प्रौद्योगिकी साझा करने तथा वैक्सीन उत्पादन का विस्तार करने के लिए न्योता दिया है। भारत से लेकर कनाडा तक के कारखाना मालिकों ने सम्मेलन को बताया कि वे मौका मिलने पर रेट्रोफिट सुविधाओं के साथ वैक्सीन उत्पादन करने को तैयार हैं। भारत की विरचो लैबोरेटरीज़ से इसके निदेशक हेमंत नंदीगला सम्मेलन में प्रमुख प्रतिभागी रहे।
सॉलिडरिटी प्राइसिंग यानी एकजुटता में किफायती मूल्यों के सम्बंध में क्यूबा के वाइस मिनिस्टर फॉर हेल्थ डॉ. रेग्ला पार्दो और मेक्सिको के डिप्टी सेक्रेटरी ऑफ प्रिवेंशन एंड हेल्थ प्रमोशन लोपेज़-गतेल रामिरेज़ ने बताया कि दूसरे देशों के लिए वे किफायती दामों पर अपने टीके उपलब्ध करवाएंगे। लोपेज़ के अनुसार मेक्सिको में बनाये गये पैट्रिया नाम के टीके के सम्बंध में शुरू ये ही यह परिकल्पना रही है।
अर्जेंटीना ने अपनी राजकीय नियामक इकाई ANMAT की सुविधाएं मेक्सिको, बोलीविया, इक्वेडर, पैरागुए सहित पूरे लातिन अमेरिकी क्षेत्र को दी हैं ताकि नयी वैक्सीनों पर डेटा इकट्ठा किया जा सके और इसे साझा किया जा सके। वहां की स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कार्ला विजोटी ने कहा कि वे इस सुविधा को अन्य देशों तक विस्तारित करने को प्रतिबद्ध हैं, खासकर अफ्रीका के देशों में।
वेनेजुएला ने सम्मेलन में सरकार की ओर से तैयार किया एक परचा प्रस्तुत किया जिसमें उसने अपने विनिर्माण उद्योग को दूसरे देशों में ज़रूरत की जगहों पर वैक्सीन आपूर्ति का वितरण सुनिश्चित करने की पेशकश रखी है। परचे में उदाहरण के लिए ब्राजील के शहर मानौस का उदाहरण दिया गया जहां ऑक्सीजन की जबरदस्त कमी थी। वेनेजुएला ने ब्राजील की सीमा से लगे अपने दक्षिणी क्षेत्र में एक कारखाने से वहां ऑक्सीजन की आपूर्ति कर के संकट को टाला।
वेनेजुएला के विदेश मंत्री जोर्गे आरिएज़ा ने प्रौद्योगिकी साझा करने वाले नये मंचों के गठन का प्रस्ताव रखा जहां संक्रमण के केस के बारे में सूचना और क्षेत्रवार महामारी की जमीनी स्थिति पर व्यावहारिक सूचना एकत्र की जा सकेगी।
दक्षिण अफ्रीका, बोलीविया, चिली सहित तमाम देशों के प्रतिभागियों ने बड़ी दवा कंपनियों के एकाधिकार को चुनौती देने के लिए विश्व व्यापार संगठन के खिलाफ सामूहिक अवज्ञा का नारा बुलंद किया। बोलीविया के विदेश मंत्री रिगेलियो माएता माएता ने ऐसी सामूहिक अवज्ञा की बात कही जो विशाल दवा कंपनियों के एकाधिकार को एक विश्वसनीय खतरा पैदा कर सके। बोलीविया ने कनाडा की वैक्सीन निर्माता कंपनी बायोलायज़ (प्रतिभागी) के साथ तीन से चार डॉलर प्रति खुराक की दर से टीके की 15 मिलियन खुराकों के उत्पादन का एक अनुबंध किया है जो बोलीविया की समूची आबादी के टीकाकरण में सक्षम होगा।
बायोलायज़ कानूनी रूप से तभी यह उत्पादन कर सकेगा यदि कनाडा की सरकार उसे ऐसा करने का एक कंपल्सरी लाइसेंस दे। इस मामले में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इनकार की कनाडा के विपक्षी सांसद निकी एश्टन ने सम्मेलन में कठोर निंदा की। उन्होंने कनाडा सरकार के इस कदम को शर्मनाक बताया और अपनी सरकार पर दबाव बनाने के लिए बोलीविया के साथ मिलकर काम करने का संकल्प लिया।
बोलीविया के वाइस मिनिस्टर फॉर एक्सटर्नल ट्रेड ने कहा, ‘’हम उस किसी भी देश को आमंत्रित करते हैं जो स्थानीय निर्माताओं के साथ गठजोड़ को तैयार हो, वो हमारे साथ आए- और कंपल्सरी लाइसेंस की व्यवस्था के खिलाफ अपनी मंशा मुखर होकर जाहिर करे। यदि हम सब मिलकर काम करें तो सरकारों को इन पहलों को स्वीकृति देने के लिए बाध्य कर सकते हैं।‘’
प्रोग्रेसिव इंटरनेशनल द्वारा वैक्सीन अंतरराष्ट्रीयतावाद पर बुलाये गये चार दिन के शिखर सम्मेलन के सोमवार को हुए समापन पर जारी वक्तव्य और प्रेस कॉनफरेंस पर आधारित