फॉरवर्ड प्रेस प्रकरण- आखिरी किस्‍त

हक़ीकत के आईने में फ़सानों का कारोबार  पिछले साल दलित लेखक मुसाफिर बैठा ने फॉरवर्ड प्रेस पर यह आरोप लगाया था कि फॉरवर्ड प्रेस, फॉरवर्ड प्रेस नहीं है बल्कि वह …

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फॉरवर्ड प्रेस प्रकरण – तीसरी किस्‍त

हक़ीकत के आईने में फ़सानों का कारोबार  फॉरवर्ड प्रेस में नौकरी करते हुए ऐसे अनेक अवसर आए जब मैंने लिखने की कोशिश की और मुझे लिखने से वहां सीधे-सीधे या …

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फॉरवर्ड प्रेस प्रकरण – दूसरी किस्‍त

हक़ीकत के आईने में फ़सानों का कारोबार  फॉरवर्ड प्रेस में कर्मचारियों का शोषण होना और उन्‍हें बात-बात में अपमानित कर देना कोई नई बात नहीं है। पत्रिका का शायद ही …

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हक़ीकत के आईने में फसानों का कारोबार: संदर्भ फॉरवर्ड प्रेस

दिल्‍ली से निकलने वाली पत्रिका फॉरवर्ड प्रेस पर पिछले दिनों हुई पुलिस की कार्रवाई, कार्रवाई के पीछे पत्रिका के प्रबंधन द्वारा महिषासुर-विमर्श से जुड़े कंटेंट का दावा किया जाना और उस संदर्भ …

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