अंजनी कुमार की दो कविताएं
अंजनी कुमार सरकार डरती है एक सरकार डरती हैदूसरी सरकार सेदूसरी सरकार डरती है अपने आप से,नेता डरता है मीडिया संस्थान सेमीडिया डरता है अपनी अवैध खदान सेन्यायपालिका डरती है …
Read MoreJunputh
अंजनी कुमार सरकार डरती है एक सरकार डरती हैदूसरी सरकार सेदूसरी सरकार डरती है अपने आप से,नेता डरता है मीडिया संस्थान सेमीडिया डरता है अपनी अवैध खदान सेन्यायपालिका डरती है …
Read MoreA writer’s life is a highly vulnerable, almost naked activity. We don’t have to weep about that. The writer makes his choice and is stuck with it. But it is …
Read Moreजयपुर साहित्य महोत्सव महज महोत्सव नहीं है और वे भी इस बात को छिपा नहीं रहे हैं। अगर यह सिर्फ महोत्सव होता तो मौखिक भर्त्सना ही काफी होती या महज …
Read Moreअभिषेक श्रीवास्तव 1 असहमति- एक ख़तरनाक बात थी पिछले दौर में। उन्होंने असहमति के पक्ष में और इसके दमन के विरुद्ध ही अब तक की है राजनीति। वे असहमत …
Read Moreप्रेम भारद्वाज हमारे समय के तमाम लिक्खाड़ों के बीच प्रेम भारद्वाज चुपके से अपना काम कर रहे हैं। एक अदद साहित्य पत्रिका ‘पाखी’ का संपादन करते हुए यूं तो उन्होंने …
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