अंबेडकर विश्वविद्यालय में सफाई कर्मचारियों की बड़ी जीत, कर्मचारियों के दबाव में प्रशासन ने मानी मांग


एसकेयू के बैनर तले सफाई कर्मचारियो ने अंबेडकर विश्वविद्यालय प्रशासन की आपराधिक उदासीनता के खिलाफ कश्मीरी गेट कैम्पस पर किया प्रदर्शन!

एसकेयू को छात्रों का भारी समर्थन मिला! छात्रों ने दिल्ली मुख्यमंत्री, श्रम मंत्री और एयूडी-कुलपति को बड़ी संख्या में ईमेल कर अभियान चलाया!

आज, सफाई कर्मचारी यूनियन (एसकेयू) के बैनर तले अंबेडकर विश्वविद्यालय के सफाई कर्मचारियों ने कोविड-19 महामारी के के समय मे प्रशासन द्वारा कर्मचारियों की सुरक्षा को नजरंदाज करने के खिलाफ कश्मीरी गेट कैम्पस पर जोरदार प्रदर्शन किया| सफाई कर्मचारियों को अंबेडकर विश्वविद्यालय के स्टूडेंट्स काउंसिल, क्रांतिकारी युवा संगठन जैसे छात्र संगठनो एवं आम छात्रों का भी समर्थन प्राप्त हुआ| कर्मचारियों के प्रदर्शन को छात्रों ने दिल्ली मुख्यमंत्री, श्रम मंत्री, स्वास्थ मंत्री और एयूडी कुलपति को बड़ी संख्या में ई-मेल भेजकर समर्थन किया| यह प्रेस विज्ञप्ति लिखे जाने तक, कर्मचारी रजिस्ट्रार से मिल चुके थे, और उनकी मांगें मान ली गयी थीं|

ज्ञात हो कि अंबेडकर विश्वविद्यालय, दिल्ली (एयूडी) के सफाई कर्मचारी प्रशासन की उदासीनता के कारण कोरोना महामारी की चपेट में आने के भारी जोखिम में हैं| मौजूदा समय में कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण विश्वविद्यालयों को अनलॉक-1 में भी बंद रखा गया है| इसके बावजूद एयूडी प्रशासन विश्वविद्यालय के तीनों कैम्पसों में कार्यरत सफाईकर्मियों को पूरी संख्या में काम पर आने का दबाव बना रहा है| विश्वविद्यालय के बंद होने के कारण विश्वविद्यालय में न तो छात्र ही आ रहे हैं और न ही शिक्षक; यहाँ तक कि लाइब्रेरी को भी बंद रखा गया है| विश्वविद्यालय के प्रशासनिक कामों के लिए कार्यालय नियमित रूप से नहीं खोले जा रहे हैं| प्रशासनिक कर्मचारियों को रोटेशन के आधार पर या कुछ दिनों के अंतराल पर विश्वविद्यालय में काम के लिए बुलाया जा रहा है, जबकि इसके विपरीत सफाई कर्मचारियों को तीनो कैंपस (कश्मीरी गेट, कर्मपुरा, लोधी रोड) में  रोजाना और पूरी संख्या में काम पर बुलाया जा रहा है| जब विश्वविद्यालय के सभी तरह के काम-काज बंद हैं तो सफाई कर्मियों को पूरी संख्या में काम पर बुलाना न केवल अनावश्यक है बल्कि सफाई कर्मचारियों की जिंदगी और स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ भी है|

ज्ञात हो कि कोरोना के समय में अम्बेडकर विश्वविद्यालय सफाई कर्मचारियों की जिंदगी और स्वास्थ्य के प्रति लगातार गैर-जिम्मेदार बना रहा है| पिछले दिनों एयूडीसे सटे हुए इंदिरा गाँधी दिल्ली तकनीकी महिला विश्विद्यालय और फिर खुद एयूडी के कैंपस में कुछ कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए तो अम्बेडकर विश्वविद्यालय कश्मीरी गेट कैंपस को बंद करने का फैसला किया गया, लेकिन इस सम्बन्ध में सफाई कर्मचारियों को कोई सूचना नहीं दी गयी और उन्हें अगले दिन भी काम पर बुलाया गया|

एयूडी में सफाई कर्मियों को सुरक्षा साधनों के नाम पर जो ग्लव्स, मास्क दिये जा रहे हैं, वो बहुत ही घटिया दर्जे के हैं, जो काम के दौरान कुछ ही घंटों में फट जाते हैं| ग्लव्स के नाम पर उन्हें घटिया पन्नी के ग्लब्स दिए जा रहे हैं और मास्क भी ऐसे हैं जिससे कोरोना के विषाणु को नहीं रोका जा सकता| इसी तरह जो सैनिटाइजर भी दिया जा रहा है उसमें पानी मिला होता है| इस सम्बन्ध में सफाई कर्मचारियों ने लिखित और मौखिक दोनों माध्यमों से अपनी शिकायत दर्ज की हैं लेकिन हर बार उनकी शिकायत पर झूठा आश्वासन देकर लगातार समस्या को टाल देने की कोशिश हुई है|

सफाई कर्मचारियों की जिन मांगों को माना गया है उनमें तीनो कैंपस (कश्मीरी गेट, लोधी रोड, कर्मपुरा) के सफाई कर्मियों को रोटेशन के आधार (आधी संख्या) पर बुलाये जाने, काम का समय 12 बजे तक किये जाने, उन्हें मास्क, ग्लव्स, सैनीटाइजर व फेस कवर दिये जाने की मांगें मुख्य रूप से शामिल थीं| सफाई कामगार यूनियन और सफाई कर्मचारियों ने अपनी जीत को आधार बनाकर आगे भी एयूडी में अन्यायों के खिलाफ संघर्ष तेज़ करने का संकल्प लिया है|

हरीश गौतम
सफाई कामगार यूनियन (एसकेयू)

संपर्क: 9953132396


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