मीडिया और बम: हिरोशिमा-नागासाकी के ऊपर परमाणु हमले की 80वीं बरसी पर व्याख्यान



जापान के शहरों हिरोशिमा और नागासाकी के ऊपर ऐटम बम गिराये जाने की घटना को अस्‍सी साल पूरे हो चुके हैं। वह हमला मानव इतिहास के सबसे काले अध्‍यायों में से एक था, जिसने दुनिया भर के मीडिया और राजनीतिक विमर्श के भीतर परमाणु हथियारों के बारे में जनधारणा को आकार देने वाले सबसे बड़े छलावे की बुनियाद रखी। यही वह क्षण था जब बम, उसके औचित्य और उसके परिणामों से जुड़े “सबसे बड़े झूठ” का जन्‍म हुआ। तब से लेकर अब तक वह झूठ परमाणु मुद्दों पर रिपोर्टिंग और उसकी समझदारी को प्रभावित करता आ रहा है।

1945 में गढ़ी गई कुसूचना और झूठ की इबारत आठ दशक बाद आज भी कायम है। आज हम ऐसे दौर में जी रहे हैं जब सूचना और मीडिया के क्षेत्र में एकाधिकारी ताकतें सघन होकर अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच गई हैं। आज सोशल मीडिया और मुख्‍यधारा का मीडिया प्रोपेगंडा का औजार बन चुके हैं। वहां आलोचनात्‍मक विश्‍लेषण नदारद है। इसीलिए दुनिया भर के लोगों को अंदाजा तक नहीं है कि मानवता और धरती के लिए परमाणु युद्ध का वास्तव में क्या मतलब होगा। उन्‍हें इसके बारे में बताया ही नहीं जा रहा है। यह बेहद खतरनाक है।

इस बीच सैन्यवाद और परमाणु भभकियों की खतरनाक ढंग से वापसी हो चुकी है। सभी देश अपना रक्षा बजट बढ़ा रहे हैं, आधुनिक हथियार खरीद रहे हैं और हथियार नियंत्रण के नियामक ढांचों का उल्‍लंघन कर रहे हैं। दक्षिण एशिया से लेकर पश्चिम एशिया तक परमाणु हथियारों के इस्‍तेमाल पर तनाव बना हुआ है। हाल में भारत और पाकिस्तान के बीच लगभग युद्ध जैसी स्थिति का पैदा होना तथा ईरान में इज़राइल-अमेरिका के किए हमले दिखाते हैं कि यह दुनिया पलक झपकते ही वास्‍तविक परमाणु टकरावों का गवाह बन सकती है।

इसके बावजूद, शायद ज्‍यादा बड़ा ख़तरा इन मुद्दों की गलत-सलत रिपोर्टिंग में है, जहां मुद्दे को समझे बगैर ही लोगों को डरा दिया जाता है। एक ओर अमन-चैन, निरस्त्रीकरण और इंसाफ की आवाजें हाशिये पर धकेल दी जाती हैं, तो दूसरी ओर मुख्‍यधारा का सारा विमर्श परमाणु हथियारों के बहाने असमानता, राष्ट्रवाद और “रणनीतिक निषेध” के भ्रम को बहाल करता है।

इसी परिप्रेक्ष्‍य में, कोलिशन फॉर न्यूक्लियर डिसआर्मामेंट एंड पीस (CNDP), इंडियन डॉक्टर्स फॉर पीस एंड डेवलपमेंट (IDPD) और PEACE, वरिष्ठ पत्रकार एवं “पीपुल्स आर्काइव ऑफ रूरल इंडिया” के संस्थापक श्री पी. साईनाथ के विशेष व्याख्यान के लिए आपको आमंत्रित करते हैं। हमें उम्मीद है कि हमारे साझा अफसानों और भविष्‍य की खातिर किए जा रहे इस सामूहिक प्रयास में आप भागीदार होंगे।

सादर,

अचिन विनायक
एन.डी. जयप्रकाश (मो.: 8448243990)
ललिता रामदास
ईमेल: cndpindia@gmail.com


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