उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में एबीपी गंगा चैनल के पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव की संदिग्ध मौत का मामला बड़ा बनता जा रहा है। इस प्रकरण में प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश सरकार, प्रदेश के पुलिस महानिदेशक और जिले के पुलिस अधीक्षक से रिपोर्ट तलब की है। इस मामले में एक दिन पहले एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने भी बयान जारी कर के पुलिस की जांच में निकले निष्कर्ष पर सवाल उठाये थे।
एडिटर्स गिल्ड ने पुलिस की इस थ्योरी पर सवाल उठाया है कि श्रीवास्तव की मोटरसायकिल हैंडपम्प में टकराने से हुए हादसे में उनकी मौत हुई। इससे कहीं ज्यादा चौंकाने वाली बात ये है कि पत्रकार ने अपनी मौत से पहले पुलिस को पत्र लिखकर अपनी जान को शराब माफिया से खतरा बताया था और अंदेशा जताया था कि उनका पीछा किया जा रहा है।
उनकी पत्नी द्वारा दी गयी तहरीर और लिखवायी गयी एफआइआर में इस बात का स्पष्ट उल्लेख है कि:
प्रतापगढ़ के शराब माफिया के खिलाफ समाचार लिखने व चलाने पर उन्हें जान माल के नुकसान पहुंचाने की धमकी मिल रही थी जिसकी सूचना उनके द्वारा एडीजी जोन प्रयागराज को देते हुए प्रभारी पुलिस अधीक्षक प्रतापगढ़ को भी दी गयी थी किन्तु कोई प्रभावी काार्यवाही न होने के कारण दिनांक 13 जून 2021 को लालगंज कोतवाली क्षेत्र के किसी गांव में असलहे की फैक्ट्री का खुलासा होने पर समाचार कवरेज करने गये थे किन्तु अचानक रात्रि लगभग 11 बजे प्रार्थिनी को सूचना मिली कि मेरे पति किसी रोड दुर्घटना में घायल हो गये हैं। भागकर जब प्रार्थिनी अस्पताल पहुंची तो देखा कि मेरे पति की मृत्यु हो चुकी थी।
रेणुका श्रीवास्तव द्वारा दर्ज करायी गई एफआइआर के अंश
सुलभ द्वारा एडीजी को 12 जून को भेजी चिट्ठी नीचे पढ़ी जा सकती है। सुलभ की पत्नी रेणुका ने एफआइआर में स्पष्ट कहा है कि ‘’मुझे पूर्ण विश्वास हो रहा है कि अज्ञात माफियाओं द्वारा खबर चलाने जाने से नाराज होकर मेरे पति की निर्मम हत्या कर दी गयी और घटना को दुर्घटना का रूप प्रदान करने का प्रयास किया जा रहा है।‘’
एफआइआर अज्ञात के खिलाफ 13 जून को रात 11 बजे कोतवाली सिटी में आइपीसी की धाराओं 302 और 506 के अंतर्गत दर्ज की गयी थी जिसे नीचे पढ़ा जा सकता है।
FIR-I.I.F.-I_31663016210499इस मामले में यूपी के पत्रकार संगठनों ने कमर कस ली है और लगभग सभी संगठनों ने एक स्वर में इसके खिलाफ आवाज़ उठायी है। मुरादाबाद यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन द्वारा पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव की हत्या को लेकर मुरादाबाद कमिश्नर को एक ज्ञापन देकर सीबीआइ जांच और सरकार द्वारा 50 लाख का मुआवज़ा देने की मांग की गयी है।
अखिल भारतीय पत्रकार संगठन, उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट एसोसिएशन, उत्तर प्रदेश वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन, प्रतापगढ़ प्रेस क्लब, सहित तमाम वत्रकार यूनियनों ने सुलभ की मौत की जांच और मुआवजे की मांग की है। इस मामले में यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के पदाधिकारी ने मीडिया को दिये बयान में बताया:
कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने भी इस मामले पर ट्वीट किया है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भी लिखा है। पत्र में लिखा है कि उप्र में कई जगहों से जहरीली शराब से हुई मौतों की खबरें आई हैं। अलीगढ़ से लेकर प्रतापगढ़ तक जहरीली शराब के चलते सैकड़ों लोगों की मृत्यु हो चुकी है। ऐसे में एक पत्रकार द्वारा खबरें दिखाने को लेकर शराब माफ़ियाओं से ख़तरा होने की आशंका बताती है कि प्रदेश में कानून के राज इक़बाल खत्म हो चुका है। उप्र में बलिया, उन्नाव समेत कई जगहों पर पहले भी पत्रकारों पर हमले होते आए हैं।
प्रियंका गांधी ने लिखा है कि वह इस मामले की CBI जाँच करवाने की माँग करती हैं। प्रदेश भर जड़ जमा चुके शराब माफिया एवं प्रशासन के गठजोड़ पर कार्रवाई की जाए। इसके साथ पीड़ित परिवार और मृतक के आश्रितों को तुरंत आर्थिक मदद दी जाए। पत्र के अंत में महासचिव प्रियंका गांधी ने लिखा है कि पत्रकारों और कलम के सिपाहियों को सुरक्षा देने का काम प्रदेश की कानून व्यवस्था का है। आशा है कि दिवंगत सुलभ श्रीवास्तव के परिवार को न्याय दिलाने की दिशा में आप सकारात्मक कदम उठाएँगे।
प्रियंका गांधी के निर्देश परकांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल मृतक पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव के परिजनों से मुलाकात करने प्रतापगढ़ पहुंचा और परिजनों की आर्थिक मदद की। प्रतिनिधिमंडल में उपाध्यक्ष सुहेल अंसारी (विधायक), सुशील पासी, जिला अध्यक्ष बृजेंद्र मिश्रा समेत कई नेता शामिल रहे।
उत्तर प्रदेश के तकरीबन सभी छोटे-बड़े अखबारों में इस आशय की खबरें बहुतायत में प्रकाशित हुई हैं जिनकी कतरनें नीचे देखि जा सकती हैं।