हरियाणा के करनाल जिले के कैमला गांव में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का ‘किसान महापंचायत’ का दौरा रद्द कर दिया गया. किसानों ने हंगामा किया और समारोह स्थल का पंडाल तोड़ दिया. मुख्यमंत्री का हेलिकॉप्टर हेलीपैड पर ही उड़ता रहा कुछ देर फिर वापिस चला गया. खट्टर के कार्यक्रम का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी किसानों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया, वाटर कैनन का इस्तेमाल किया. इतना ही नहीं, प्रदर्शनकारी किसानों को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े.
भारतीय किसान यूनियन (चरूनी) के तत्वावधान में किसानों ने पहले घोषणा की थी कि वे ‘किसान महापंचायत’ का विरोध करेंगे. वे तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं. किसान काले झंडे लिए हुए थे और बीजेपी नीत सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कैमला गांव की ओर मार्च करने की कोशिश कर रहे थे.
किसानों का यह विरोध न केवल करनाल में हुआ बल्कि राज्य के यमुनानगर, और अन्य जिलों में भी हुआ. करनाल में प्रदर्शनकारी किसानों को रोकने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किये गये थे किन्तु किसानों की संख्या इतनी अधिक थी कि पुलिस की तमाम कोशिश विफल हो गये.
हरियाणा की पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को गांव में घुसने से रोकने के लिए बैरिकेड लगा रखा था ताकि जहाँ किसान पंचायत कार्यक्रम हो रहा है, वहाँ तक वे ना पुहँच पाए.
किसानों ने आरोप लगाए हैं कि अगर मुख्यमंत्री किसान महा पंचायत कर रहे थे तब उन्हें क्यों नहीं जाने की अनुमति दी गई.
दरअसल, करनाल जिले के कैमला गांव में मनोहर लाल खट्टर किसान महापंचायत को संबोधित करने वाले थे, जहां कृषि कानूनों का फायदा बताने के लिए भाजपा ने आयोजित करवाया था. किसानों का कहना था कि खट्टर नकली किसानों को बुलाकर सभा करने वाला था. असली किसान आ गये तो वो भाग गया.
कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने किसानों पर पानी की बौछारें छोड़ने और आंसू गैस के गोले दगवाने के लिए मुख्यमंत्री खट्टर की आलोचना की. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी पुलिस के बल प्रयोग की निंदा की. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा,
हरियाणा के करनाल में किसान आंदोलन के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर पुलिस का बलप्रयोग निंदनीय है. यह हरियाणा पुलिस का निंदनीय कृत्य है.