जम्मू और कश्मीर में तीन पत्रकारों के खिलाफ शुरू हुई पुलिस जांच को लेकर कमेटी टु प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (सीपीजे) ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि इस जांच को तुरंत रोककर इन पत्रकारों को निर्बाध रूप से काम करने दिया जाना चाहिए।
बीते 30 जनवरी को पुलिस ने दि कश्मीरवाला के रिपोर्टर यशराज शर्मा, दि कश्मीरियत के रिपोर्टर जुनैद और इन दोनों वेबसाइटों के संपादक फ़हद शाह व काज़ी शिबली के खिलाफ जांच शुरू की। आरोप है कि इन्होंने लोगों को अपनी खबरों से भड़काने का काम किया था।
बीती 12 फरवरी को जम्मू और कश्मीर पुलिस ने दि कश्मीरवाला के स्वतंत्र पत्रकार सजाद गुल के खिलाफ एक जांच शुरू की क्योंकि उन्होंने घरों को तोड़े जाने के खिलाफ हुए प्रदर्शनों में भाग लिया था।
सीपीजे की सीनियर एशिया रिसच्रर आलिया इफ्तिखार का कहना है कि शर्मा, गुल और जुनैद को बिना किसी दबाव, धमकी और भय के काम करने दिया जाय। जम्मू और कश्मीर की पुलिस उनके खिलाफ चल रही जांच को समाप्त करे।
शर्मा और जुनैद के खिलाफ जो जांच चल रही है उसका सम्बंध उनकी लिखी रिपोर्ट से है जिनमें शोपियां के एक स्कूल के मालिक का बयान छपा था कि सेना ने स्कूल पर गणतंत्र दिवस मनाने का दबाव डाला था। यह जानकारी शाह और शिबली ने सीपीजे को दी।
जो जांच शुरू की गयी उसकी शिकायत एक अनाम सैन्यकर्मी ने पुलिस में की थी। उसने शर्मा और जुनैद पर फेक न्यूज फैलाने का आरोप लगाया था।
शाह और शिबली दोनों ने सीपीजे को बताया है कि उनके रिपोर्टरों को शिकायत की प्रति नहीं दी गयी, उन्हें पुलिस की जांच का पता सोशल मीडिया से लगा।