‘यातना गृह’ हैं छत्तीसगढ़ के क्वारंटीन केंद्र, CPM ने लगाये बदइंतज़ामी के गम्भीर आरोप


मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में चलाये जा रहे क्वारंटीन सेंटर्स को ‘यातना गृह’ करार देते हुए आरोप लगाया है कि बुनियादी मानवीय सुविधाओं से रहित इन केंद्रों में प्रवासी मजदूरों को कैदियों की तरह रखा जा रहा है, जहां उन्हें पोषक आहार तो दूर, भरपेट भोजन तक उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। नतीजन, क्वारंटीन अवधि खत्म होने के बाद फिर से उनके संक्रमित होने के प्रकरण सामने आ रहे हैं। 

अपने आरोप की पुष्टि में माकपा राज्य सचिव संजय पराते ने बलौदाबाजार जिले के कसडोल ब्लॉक के एक क्वारंटीन सेंटर का वीडियो जारी किया है, जिसमें प्रवासी मजदूर स्पष्ट रूप से बता रहे हैं कि उन्हें घर से खाना मंगवाने के लिए बाध्य किया जा रहा है क्योंकि पंचायत के पास खाद्यान्न नहीं है। वीडियो में वे प्रवासी मजदूर घर का लाया कच्चा राशन खुद पकाते हुए भी दिख रहे हैं। इससे क्वारंटीन सेंटर्स में सभी मानवीय सुविधाएं उपलब्ध करवाने के सरकारी दावे की भी पोल खुल जाती है।

Posted by Sanjay Parate on Friday, June 5, 2020

माकपा नेता ने महासमुंद जिले के पिथौरा जनपद पंचायत के कार्यपालन अधिकारी के एक आदेश की प्रति भी मीडिया के लिए जारी की है, जिसकी कंडिका-4 में ऐसे ही निर्देश दिए गए हैं कि इन केंद्रों में रखे गए मजदूरों के भोजन की व्यवस्था पंचायत करें और जिन मजदूरों के नाम राशन कार्डों पर चढ़े हैं, उन्हें भोजन न दिया जाए। चूंकि प्रवासी मजदूरों की देखभाल के लिए इन पंचायतों को प्रशासन कोई सहायता नही दे रही है, ये केंद्र बदहाली और बदइंतजामी के शिकार होकर रह गए हैं और मजदूरों को घर से खाना मंगवाना पड़ रहा है। 

पराते ने कहा कि कवर्धा जिले के सहसपुर लोहारा, मुंगेली जिले की लोरमी, बालोद जिले के टेटेंगा भरदा गांव तथा गरियाबंद जिले के मैनपुर ब्लॉक के धरनीधोड़ा केंद्रों की जो दर्दनाक खबरें तस्वीरों सहित मीडिया में आई है, वह किसी भी संवेदनशील व्यक्ति को हिला देने के लिए काफी है। इन केंद्रों में इन प्रवासी मजदूरों को अखबारों में दाल परोसने और सड़ा बदबूदार खाना खिलाने के पुष्ट प्रमाण सामने आए हैं और बीमारों को समय पर चिकित्सा सुविधा न मिलने से मौतें भी हुई हैं। माकपा ने कहा है कि इसी कुव्यवस्था के कारण प्रवासी मजदूरों के इन क्वारंटीन केंद्रों से भागने के भी प्रकरण सामने आ रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश के क्वारंटीन सेंटर्स में अभी तक तीन गर्भवती माताओं और चार बच्चों तथा दो आत्महत्याओं सहित एक दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है लेकिन सरकार और प्रशासन इतना संवेदनहीन है कि आज तक किसी भी जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई है। 

माकपा नेता ने कहा कि प्रदेश में कोरोना के बेशुमार बढ़ते प्रकरणों से स्पष्ट है कि अब छत्तीसगढ़ सामुदायिक संक्रमण के चरण में प्रवेश कर चुका है। केंद्र सरकार के साथ ही राज्य सरकार भी इस स्थिति के लिए अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती। प्रदेश में कोरोना के फैलाव को तभी रोका जा सकता है, जब इन सभी प्रवासी मजदूरों की टेस्टिंग की जाएं तथा उन्हें पर्याप्त पोषण आहार और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाए। इसके लिए मुख्यमंत्री राहत कोष का भी उपयोग करना चाहिए। प्रदेश के दानदाताओं ने राहत कोष में दान इन्हीं गरीबों की सेवा के लिए सरकार को दिया है और सेवा कार्य की आड़ में हो रहे भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जानी चाहिए।

उन्होंने बताया कि प्रवासी मजदूरों को सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा देने की मांग पर और प्रदेश के क्वारंटीन सेंटर्स की बदहाली के खिलाफ 16 जून को माकपा पूरे प्रदेश में आंदोलन करेगी।


About जनपथ

जनपथ हिंदी जगत के शुरुआती ब्लॉगों में है जिसे 2006 में शुरू किया गया था। शुरुआत में निजी ब्लॉग के रूप में इसकी शक्ल थी, जिसे बाद में चुनिंदा लेखों, ख़बरों, संस्मरणों और साक्षात्कारों तक विस्तृत किया गया। अपने दस साल इस ब्लॉग ने 2016 में पूरे किए, लेकिन संयोग से कुछ तकनीकी दिक्कत के चलते इसके डोमेन का नवीनीकरण नहीं हो सका। जनपथ को मौजूदा पता दोबारा 2019 में मिला, जिसके बाद कुछ समानधर्मा लेखकों और पत्रकारों के सुझाव से इसे एक वेबसाइट में तब्दील करने की दिशा में प्रयास किया गया। इसके पीछे सोच वही रही जो बरसों पहले ब्लॉग शुरू करते वक्त थी, कि स्वतंत्र रूप से लिखने वालों के लिए अखबारों में स्पेस कम हो रही है। ऐसी सूरत में जनपथ की कोशिश है कि वैचारिक टिप्पणियों, संस्मरणों, विश्लेषणों, अनूदित लेखों और साक्षात्कारों के माध्यम से एक दबावमुक्त सामुदायिक मंच का निर्माण किया जाए जहां किसी के छपने पर, कुछ भी छपने पर, पाबंदी न हो। शर्त बस एक हैः जो भी छपे, वह जन-हित में हो। व्यापक जन-सरोकारों से प्रेरित हो। व्यावसायिक लालसा से मुक्त हो क्योंकि जनपथ विशुद्ध अव्यावसायिक मंच है और कहीं किसी भी रूप में किसी संस्थान के तौर पर पंजीकृत नहीं है।

View all posts by जनपथ →

5 Comments on “‘यातना गृह’ हैं छत्तीसगढ़ के क्वारंटीन केंद्र, CPM ने लगाये बदइंतज़ामी के गम्भीर आरोप”

  1. Your mode of describing the whole thing in this article is actually
    nice, all be able to without difficulty be aware of it, Thanks a lot.

  2. My family all the time say that I am wasting my time here at net, however I know
    I am getting familiarity every day by reading thes fastidious articles.

  3. Thank you, I have just been searching for info approximately this
    subject for a long time and yours is the greatest I’ve discovered till now.
    However, what concerning the conclusion? Are you
    positive concerning the supply?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *