नोबेल पीस प्राइज़ वॉच ने 2021 के नोबेल शांति पुरस्कारों के लिए जिन 50 व्यक्तियों के नाम शॉर्टलिस्ट कर के नोबेल कमेटी को भेजे हैं उनमें दो नाम भारत से भी हैं और दोनों ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस से हैं- डॉ. लेनिन रघुवंशी और श्रुति नागवंशी। डॉ. लेनिन जनपथ के पाक्षिक टिप्पणीकार भी हैं।
नोबेल पीस प्राइज़ वॉच एक प्रोजेक्ट है जिसे शांति के लिए प्रयासरत समूह ले डाउन आर्म्स असोसिएशन चलाता है। यह समूह अल्फ्रेड नोबेल के विचारों से प्रेरित है और इसने कई दफ़ा नोबेल पुरस्कार देने वाली कमेटी पर सवाल भी खड़े किये हैं। प्रोजेक्ट के मुताबिक अल्फ्रेड नोबेल के वसीयत कहती है कि नोबेल शांति पुरस्कार सैन्यकरण के कारणों को समाप्त करने वाले लोगों और संस्थाओं को दिया जाना चाहिए। प्रोजेक्ट इसके लिए कोर्ट से लेकर हर स्तर पर संघर्ष कर रहा है।
इस साल जो नाम भेजे गये हैं, उनमें 31 नाम पहली बार नामित किये गये हैं जबकि 23 नाम इससे पहले भी नामित हो चुके हैं। लेनिन और श्रुति के नाम पहली बार शामिल किये गये हैं। दोनों को ही पुरुषवादी सैन्यवादी परंपराओं से जूझने में उनके प्रयासों के लिए नामित किया गया है।
नॉर्वेजियन नोबेल समिति को 2021 के शांति पुरस्कार के लिए लगभग 400 नामांकन प्राप्त हुए हैं। 1895 में अल्फ्रेड नोबेल के वसीयतनामे में निर्धारित उद्देश्य के अनुपालन के लिए नोबल पीस प्राइज वॉच (एनपीपीडब्ल्यू) द्वारा भेजे गये नामांकन यहां देखे जा सकते हैं।
इस सूची में विकीलीक्स, जुलियन असांजे, एडवर्ड स्नोडेन, चेल्सिया मेनिंग के नाम भी शामिल हैं।
पुरुष सत्तावादी सामंतवाद के खिलाफ अपने संघर्षों की कड़ी में अभी हाल ही में बनारस के डॉ. लेनिन ने मिशन बेरोजगारी मुक्त वाराणसी की शुरुआत की है। इस मिशन के लिए तीन कार्यभार रखे गये हैं:
1. अपने बैंकों को जमा का न्यूनतम 25% स्थानीय युवा उद्यमी को क्रेडिट के रूप में देने के लिए कहें। (यह ध्यान दिया जा सकता है कि RBI ने 60% पर समग्र ऋण जमा अनुपात तय किया है)।
2. उन कंपनियों, ब्रांडों के उत्पादों / सेवाओं का उपयोग करें जो स्थानीय युवाओं को समानुपातिक रोजगार देते हैं।
3. प्रति विधानसभा क्षेत्र के 15,000-20,000 युवाओं को रोजगार सुनिश्चित करने के लिए उत्तर प्रदेश में राज्य रोजगार नीति लाने के लिए पार्टी लाइनों में कटौती करने वाले अपने लोगों के प्रतिनिधियों से अपील करें।
मिशन बेरोजगारी मुक्त वाराणसी का शुभारंभ नई दिल्ली के कॉमनमैन ट्रस्ट द्वारा वाराणसी के पीवीसीएचआर के साथ किया गया है। संयोजक श्री चंद्र मिश्रा और सह-संयोजक डॉ. लेनिन रघुवंशी दोनों ने समान विचारधारा वाले लोगों से मिशन में शामिल होने, नेतृत्व करने और मार्गदर्शन करने की अपील की है।
मिशन के संयोजक श्री चंद्र मिश्रा ने पहले ही 22 जून, 2020 को सरकार को 5 साल में 80000 से 1 लाख सुरक्षित स्थायी नौकरियां सृजित करने के लिए एक प्रस्ताव दिया है। मिश्रा ने इससे पहले मुख्यमंत्री श्री नवीन पटनायक की अध्यक्षता में भारत के पहले रोजगार मिशन को बनाने के लिए 2005 में ओडिशा की बीजद-भाजपा गठबंधन सरकार की मदद की थी और इसकी संचालन समिति के सदस्य के रूप में काम किया था।