एनडीए की घटक राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के संयोजक व नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने किसान आंदोलन के समर्थन में व लोकहित के मुद्दों को लेकर संसद की तीन समितियों के सदस्य पद से इस्तीफा दे दिया है।
इसकी जानकरी देते हुए सांसद हनुमान बेनीवाल ने खुद ही अपने त्यागपत्र की तस्वीर ट्वीट कर लिखा है :
हनुमान बेनीवाल संसद उद्योग संबंधी समिति, याचिका समिति और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सलाहकार समिति के सदस्य थे। बेनीवाल ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को लिखे त्यागपत्र में लिखा है –
चूंकि लोकसभा की समितियों की सिफारिश और समिति की दखलंदाजी के बावजूद किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं होने से समितियों का जो महत्व लोकतांत्रिक व्यवस्था में प्रदत्त है उसका कोई औचित्य नहीं रहता।
बेनीवाल ने अपने त्याग पत्र के सन्दर्भ में लिखा है- “किसान आंदोलन के समर्थन में एवं जनहित मुद्दों पर समितियों को अवगत कराने के बावजूद कार्यवाही नहीं होने के क्रम में।”
संसदीय समितियों से इस्तीफा देने के बाद बेनीवाल ने प्रेस कांफ्रेंस कर ऐलान किया है कि वे 26 दिसंबर को दो लाख किसानों के साथ दिल्ली की ओर कूच करेंगे तथा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में बने रहने के बारे में भी फैसला उसी दिन होगा।
इससे पहले केंद्रीय कृषि बिल के विरोध में शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने केन्द्रीय कैबिनेट से इस्तीफा दिया था। इस्तीफा देने के बाद उन्होंने ट्वीट कर लिखा था –
मैंने किसान विरोधी अध्यादेशों और कानून के विरोध में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। किसानों के साथ उनकी बेटी और बहन के रूप में खड़े होने का गर्व।