वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण को सुप्रीम कोर्ट द्वारा आपराधिक अवमानना का दोषी पाये जाने के बाद आज सज़ा पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अरुण मिश्रा की खण्डपीठ ने भूषण को पुनर्विचार करने के लिए दो-तीन दिन का वक्त देते हुए फैसला सुनाने से मना कर दिया। भूषण ने इस पेशकश को यह कहते हुए ठुकरा दिया है कि वे अपना बयान नहीं बदलेंगे।
गुरुवार को सुनवाई शुरू होते ही कोर्ट द्वारा प्रशांत भूषण के इस आवेदन को खारिज कर दिया गया जिसमें उन्होंने दूसरी खण्डपीठ के समक्ष सुनवाई की मांग रखी थी।
जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली खण्डपीठ ने उन्हें आश्वासन दिया कि उनके खिलाफ दिये गये फैसले की समीक्षा से पहले सज़ा नहीं सुनायी जाएगी।
हफ्ते भर पहले 14 अगस्त को बेंच ने प्रशांत भूषण को दो ट्वीट के आधार पर अवमानना का दोषी ठहराया था। उस वक्त भूषण ने अपने प्रतिवेदन में कहा था कि जिस शिकायत के आधार पर उनके खिलाफ सुनवाई शुरू की गयी है उसकी प्रति उन्हें अब तक नहीं दी गयी है। यह बात आज एक बार फिर अधिवक्ता राजीव धवन ने बेंच के समक्ष दोहरायी।
इसके जवाब में जस्टिस मिश्रा ने कहा कि प्रशांत भूषण के ट्वीट पर संज्ञान लिया गया था, शिकायत पर नहीं। धवन ने इसके बाद विजय कुर्ले के केस का हवाला देते हुए कहा उसमें शिकायत की प्रति देने की बात की गयी थी।
इसी संदर्भ में धवन ने बेंच से कहा कि 14 अगस्त को दिया गया फैसला जब शीर्ष संस्थानों तक पहुंचेगा तो सुप्रीम कोर्ट की बहुत आलोचना होगी क्योंकि फैसले के 20 पन्ने विजय कुर्ले केस के फैसले से हूबहू उठाकर चिपका दिये गये हैं।
सुनवाई के दौरान भूषण ने अपना एक लिखित बयान कोर्ट को पढ़ कर सुनाया और दोनों ट्वीट के लिए माफ़ी मांगने से इनकार कर दिया। उन्होंने इस बयान के अंत में महात्मा गांधी को उद्धृत किया।
राजीव धवन और दुष्यंत दवे की बहस के बाद जस्टिस गवई ने प्रशांत भूषण से पूछा कि क्या वे अने बयान पर दोबारा विचार करना चाहेंगे? इस पर भूषण ने कहा कि वे ऐसा नहीं चाहते। जहां तक समय देने की बात है, उन्हें नहीं लगता कि इससे कुछ सार्थक हो पाएगा। यह अदालत का समय खराब करना होगा क्योंकि मैं अपना बयान नहीं बदलने वाला।
इसके बाद जस्टिस मिश्रा ने कहा कि राजीव धवन अपनी दलील पूरी कर सकते हैं और बेंच प्रशांत भूषण को उनके बयान पर पुनर्विचार करने का वक्त देगी।
जस्टिस मिश्रा ने भूषण को तीन दिन का वक्त यह कहते हुए दिया कि वे अभी सज़ा पर फैसला सुनाने नहीं जा रहे हैं।
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