एक तरफ मोदी सरकार के तीन नये कृषि कानूनों को प्रधानमंत्री मोदी सहित तमाम बीजेपी नेता और बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री किसानों के हित में बता कर प्रचार करने में दिन रात एक किए हुए हैं और इनमें मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सबसे आगे हैं, अब उसी मध्य प्रदेश से खबर है कि वहां बिजली चोरी के 8 साल पुराने मामले में एक 75 साल के किसान को जेल में कैद किया गया है.
मध्यप्रदेश केन्द्रित देशगांव डॉट कॉम की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा तहसील के करेली थाना के अंतर्गत आने वाले ग्राम माल्हनवाड़ा में स्थानीय पुलिस ने 75 साल के ऐसे किसान समेत तीन लोगों को जेल भेज दिया है जिन पर आठ साल पहले बिजली महकमे ने बिजली चोरी के मामले बनाए थे.
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जेल भेजे गए 75 साल के बुजुर्ग किसान के परिजनों का दावा है कि जुर्माने की राशि बहुत पहले ही चुकता कर दी गई है. इसके बावजूद ऐसा किया गया.
पड़ोस के ही रहने वाले रमेश कौरव (38 वर्ष) पिता स्वर्गीय मान सिंह कौरव और उनके भाई सुमंत कौरव (20 वर्ष) पिता स्वर्गीय मान सिंह कौरव घर का कामकाज निपटा रहे थे. रात के करीब साढ़े नौ बजे करेली थाने का एक आरक्षक उनके घर पहुंचा और उनसे थाने चलने की बात कही.
पूछने पर उसने बताया कि कोई बिजली चोरी का मामला है, साहब ने थाने बुलाया है. पुलिस को देखकर किसान के परिजनों के अलावा कुछ गांववाले भी जुट गए.
गांववालों ने उस आरक्षक को कहा कि बिजली का मामला है, कल सुबह आ जाएंगे. उन्होंने पुलिस को यह बताया कि बिजली विभाग ने जो राशि उन्हें बताई थी, वह कई साल पहले वह जमा कर चुके हैं.
शनिवार सुबह जब किसान अपने वायदे के मुताबिक थाने पहुंचे तो उन्हें वहां बैठा लिया गया और दिन भर बैठाने के बाद शाम को गाडरवारा कोर्ट भेज दिया गया, जहां से उन्हें सीधे जेल पहुंचा दिया गया.
रामप्रसाद कौरव के बेटे रामनरेश कौरव का कहना है कि 2012 में बिजली महकमे ने जबरदस्ती बिजली चोरी का केस बना दिया था कि सीधी लाइन लगाकर आप बिजली ले रहे हैं. वो इसका पैसा भी 44 हजार रुपये कई साल पहले ही चुकता कर चुके हैं.
किसान रामप्रसाद को जब न्यायालय में पेश किया गया, तब वहां मौजूद रहे उनके बेटे रामनरेश ने बताया कि
न्यायालय में मजिस्ट्रेट साहब ने कहा भी कि इन बुजुर्ग को यहां पर क्यों लाए हो.क्या कोई बड़ा मामला नहीं है? बावजूद इसके पुलिस ने उन्हें पेश किया जहां से जेल भेज दिया गया. पुलिस यह जानती थी कि शनिवार और रविवार को उनकी जमानत नहीं हो सकेगी इसलिए पुलिस जानबूझकर शुक्रवार की रात उन्हें बुलाने पहुंची और शनिवार की शाम उन्हें कोर्ट में पेश किया गया जहां से जेल भेज दिया गया.
सुमंत कौरव और रमेश कौरव के भाई मोहन का कहना है कि
आठ साल पुराना मामला था और सिर्फ 6400 रुपये की देनदारी थीl बीते हफ़्ते 12 दिसंबर को लोक अदालत को लेकर नोटिस आया था लेकिन उन्हें जानकारी नहीं थी. वह सभी लोग खेत पर थे. अब शुक्रवार की रात पुलिस ने थाने में बुलाया.जब शनिवार को दोनों भाई थाने पहुंचे तो उन्हें जेल भेज दिया गया.
कई किसानों को पहुंचाया जा रहा जेल –
पुलिस पूरी तरह मनमानी कर रही है. माल्हनबाड़ा के बुजुर्ग किसान समेत कई किसानों को जेल पहुंचाया गया है. यह बहुत गलत बात है. इस मामले में उन्होंने सांसद जी का ध्यानाकर्षण कराया है: राव वीरेंद्र सिंह (निजोर वाले), जिला उपाध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी, नरसिंहपुर
उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट थे –
धारा 135 के अंतर्गत उनके गिरफ्तारी वारंट जारी हुए थे इसलिए उन्हें गिरफ्तार करके एडीजे कोर्ट गाडरवारा में पेश कर दिया गया. इसमें पुलिस की कोई भूमिका नहीं है. जुर्माना उन्होंने दिया है या नहीं यह तो दूसरा विषय है. गिरफ्तारी वारंट थे इसलिए उन्हें गिरफ़्तार गया. – अनिल सिंघई, थाना प्रभारी करेली
मूल रिपोर्ट और तस्वीर देशगाँव डॉट कॉम से साभार