हम कितने स्वस्थ हैं, यह अंततः राजनीति से तय होता है: डॉ. बाम

कोविड-19 महामारी ने एक और बड़ी सीख यह दी है कि वैश्विक विज्ञान और स्वास्थ्य नीति जितनी ज़रूरी हैं, उतना ही अहम है स्थानीय नेतृत्व जो वैज्ञानिक प्रमाण पर आधारित नीतियों को प्रभावकारी कार्यक्रम में परिवर्तित कर सके और जन स्वास्थ्य परिणामों में बदल सके।

Read More

महात्मा गाँधी को प्रतीकात्मक ही नहीं बल्कि धरातल पर उतारना है ज़रूरी: मेधा पाटकर

मेधा का मानना है कि सबका-साथ-सबका-विकास का सपना साकार करने के लिए, सबके सतत विकास के लिए एवं न्यायपूर्ण मानवीय व्यवस्था के लिए, महात्मा गाँधी का सुझाया हुआ सहकारिता (cooperative) का रास्ता ही आज के परिप्रेक्ष्य में सही रास्ता है.

Read More

“एक बेहतर दुनिया की ओर”: मेधा पाटकर ने शुरू किया ग्रेटा थुनबर्ग से प्रेरित युवाओं का नया अभियान

प्रख्यात मानवाधिकार कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने इस अभियान को जारी करते हुए देश-विदेश के युवाओं को याद दिलाया कि महात्मा गाँधी ने कहा था कि प्रकृति में इतने संसाधन तो हैं कि हर एक की ज़रूरतें पूरी हो सकें परन्तु इतने नहीं कि एक का भी लालच पूरा हो सके.

Read More

कोरोना की वैक्सीन 15 अगस्त तक लाने की ICMR की घोषणा क्या राजनीतिक दबाव में की गयी थी?

सवाल यह है कि चिकित्सा शोध की सर्वोच्च सरकारी संस्था को किसने दबाव बनाकर यह दावा करने को कहा कि 15 अगस्त 2020 तक वैक्सीन आ जाएगी? ग़ौरतलब बात यह है कि जब कि जब यह घोषणा की गयी थी और तब वैक्सीन का इंसान पर शोध आरंभ तक नहीं हुआ था.

Read More