क्‍या भारत 1958 का अमेरिका है?

एडवर्ड आर. मरो अमेरिका के मशहूर टीवी पत्रकार थे जो सीबीएस न्‍यूज से जुड़े हुए थे। उन्‍होंने शिकागो में 15 अक्‍टूबर 1958 को एक संगोष्‍ठी में यह व्‍याख्‍यान दिया था जो …

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पीछे हटना आखिरी विकल्प है : बाबूराम भट्टराई

नेपाल की माओवादी पार्टी सीपीएन(एम) के पोलित ब्यूरो सदस्य और नेपाल के पूर्व वित्त मंत्री बाबूराम भट्टराई ने भारत की अपनी चार दिन की यात्रा के दौरान भारत-नेपाल जन एकता …

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कठिन अभिव्‍यक्ति

असाध्‍य वीणा भाग-2 यह कठिन समय की अभिव्‍यक्ति है। समय से भी कठिन- कठिनतर। जो काफी जोर लगाने पर आती भी है, तो जाती बिखर- समय में दम तोड़ती पसलियों …

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कार्ल मार्क्‍स और ग़ालिब की ख़त-ओ-किताबत

क्‍या ग़ालिब और कार्ल मार्क्‍स एक-दूसरे को जानते थे। अब तक तो सुनने में नहीं आया था। लेकिन सच यह है कि दोनों एक-दूसरे को जानते ही नहीं थे, बल्कि …

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फिर बैतलवा डाल पर: चौथी दुनिया का मिथक

गलतियां  सभी से होती हैं। लेकिन ऐतिहासिक गलतियां कुछ ही करते हैं। जैसे सीपीएम ने ऐतिहासिक गलती की थी। उसने माना भी, कि सरकार को बाहर से समर्थन देना कितना …

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कुछ खबरें फटाफट…

पिछले करीब एक महीने से जनपथ सूना पड़ा है। अच्‍छा नहीं लगता, लेकिन वक्‍त का तकाजा है। लंबा लिखने का वक्‍त नहीं और वक्‍त है भी तो मौसम खराब। ऐसे …

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