57वां दिन, 20 जनवरी 2021
आज सरकार के साथ मीटिंग में अहम वार्ता हुई। सरकार ने किसानों के समक्ष एक प्रस्ताव रखा कि एक साल या ज्यादा समय के लिए कृषि कानूनों को निलंबित कर दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट में शपथपत्र दे दिया जाएगा। किसानों ने रिपील (रद्द) की मांग पर ज़ोर दिया और अगली बैठक तक विचार विमर्श कर निर्णय लेने की बात कही। एमएसपी के मुद्दे पर सरकार ने कमेटी की पेशकश की परंतु किसानों ने इसे अस्वीकार किया। इस पर 22 जनवरी की अगली मीटिंग में विस्तारपूर्वक चर्चा होगी।
आज की मीटिंग में सरकार द्वारा एनआईए जांच और गिरफ्तारियों पर भी चर्चा हुई और सरकार ने एनआइए को नाजायज केस न करने के निर्देश देने का भरोसा दिया।
आज दशमेश गुरु गोविंद सिंह जी का प्रकाश गुरपरब है। आज दुनिया भर में 11 बजे से 1 बजे तक “देह सिवा बरु मोहे” शब्द उच्चारण करते हुए इस आंदोलन की कामयाबी का प्रण लिया गया।
26 जनवरी की किसान परेड से संबंंधी दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश पुलिस से बैठक हुई जिसमें किसान आउटर रिंग रोड पर परेड करने की मांग पर अडिग रहे वहीं पुलिस ने दूसरे रास्ते देने का और परेड ना करने का आह्वान किया। इसके बारे में कल भी एक बैठक होगी।
इस राष्ट्रव्यापी और जनांदोलन में देशभर से किसान दिल्ली बोर्डर्स पर पहुंच रहे हैं। उत्तराखंड के लखीमपुर और बिजनौर से हज़ारों की संख्या में ट्रैक्टर दिल्ली पहुंचने वाले हैं।
मध्यप्रदेश के रीवा, ग्वालियर, समेत कई जगहों पर किसानों के पक्के मोर्चे लगे हुए हैंं। इंदौर, मुलतापी (बैतूल) सहित 30 से अधिक जिलों में लगातार धरना आंदोलन कार्यक्रम किये जा रहे हैंं।अलग अलग जगह पर प्रशासन को ज्ञापन दिए जा रहे हैंं। महिला किसान दिवस भी पूरी ऊर्जा और उत्साह से मनाया गया। अब किसान गाँव गाँव जाकर जागरूक कर रहे हैंं और आगामी कार्यक्रमो की रूपरेखा तैयार कर रहे हैंं। मध्यप्रदेश के ही बड़वानी में एक विशाल ट्रैक्टर मार्च निकाला गया।
नवनिर्माण संगठन की ओडिशा से दिल्ली की यात्रा में लोगों के मिल रहे समर्थन को देखकर उतर प्रदेश सरकार ने परेशान किया और रूट भी बदला गया। इसके विरोध में यात्रा के संयोजक 26 जनवरी तक उपवास रखेंगे।
पंजाब व हरियाणा में जनांदोलन व्यापक रूप ले रहा है। न सिर्फ किसान-मजदूर बल्कि समाज के हर वर्ग से लोग इस आंदोलन में भागीदारी दिखा रहे हैं। उत्तरी राजस्थान में रोजाना ट्रैक्टर मार्च, बाइक रैली और धरना प्रदर्शन कर किसान दिल्ली बोर्डर्स पर आने की तैयारी कर रहे हैं।
इस आंदोलन में अब तक 138 किसान शहीद हो चुके हैं। संंयुक्त किसान मोर्चा की समूची लीडरशिप इन शहीदों को श्रद्धांंजलि अर्पित करती है। हम सभी भरोसा देते हैंं कि इन किसानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। हम शहीदों के परिवारों को उचित क्षतिपूर्ति की मांग करते हैं।
जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय के नेतृत्व में किसान ज्योति यात्रा उदयपुर पार कर चुकी है। महाराष्ट्र के यवतमाल से विधवा किसान या आत्महत्या कर चुके किसान के परिवार के 30 सदस्य दिल्ली के किसान आंदोलन में अपनी भागीदारी देने के लिए 23 जनवरी को पहुंच रहे हैंं। कोलकाता में अन्नदातार साथे बांग्ला के नाम से चल रहे पक्के मोर्चे में आज एक विशाल रैली आयोजित की गई।
बिहार में लगातार किसान आंदोलन कर रहे हैं। सरकार जिस तरह से इस आंदोलन को एक खास तबके से जोड़ कर पेश कर रही है, बिहार के किसानोंं ने इस तर्क का जवाब भी अपने संघर्ष से दिया है। बिहार में एक तरफ गांवों और जिला हेडक्वॉर्टर पर प्रदर्शन हो रहे हैं वहीं पटना में आज अखिल भारतीय पीपुल्स फोरम ने विरोध प्रदर्शन किया।
डॉ. दर्शन पाल
संयुक्त किसान मोर्चा
9417269294