इंस्टेंट मेसेजिंग सर्विस ऐप व्हाट्सएप की नई गोपनीयता नीति के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई है. इस याचिका में इस नई नीति को तत्काल प्रभाव से वापस लेने की मांग की गई है. याचिका में व्हाट्सएप की नई निजता नीति को न सिर्फ करोड़ों लोगों के निजता के अधिकार का हनन बताया गया है, बल्कि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी खतरा होने का दावा किया गया है.
अधिवक्ता चैतन्या रोहिल्ला ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दाखिल कर तत्काल प्रभाव से व्हॉट्सएप की नई निजता नीति पर रोक लगाने की मांग की है.
अधिवक्ता रोहिल्ला ने याचिका में कहा है कि
व्हॉट्सएप की नई नीति कंपनी को वास्तव में लोगों के 360डिग्री प्रोफइल यानी इसमें दिए गए सभी तरह की जानकारी लेने का अधिकार देती है.
याचिका में न्यायालय से केंद्र सरकार को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 87 (2) (जेडजी ) के साथ धारा 79 (2) (ग) के तहत अपनी शक्तियों का प्रयोग करके यह सुनिश्चित करने का आदेश देने की मांग की है कि व्हॉट्सएप किसी भी यूजर का डेटा किसी तीसरे पक्ष या फेसबुक और उसकी कंपनियों के साथ अपने उपयोगकर्ताओं के लिए साझा नहीं करे.
बता दें कि व्हाट्सएप ने हाल ही में अपने यूजर्स को नई प्राइवेसी पॉलिसी के बारे में अपडेट देना शुरू किया था. जिसमें बताया गया था कि कैसे व्हाट्सएप यूजर्स के डेटा की प्रोसेसिंग करता है और उन्हें फेसबुक के साथ साझा करता है. अपडेट के तहत अगर व्हाट्सएप का इस्तेमाल जारी रखना है तो फिर यूजर्स को 8 फरवरी, 2021 तक नई नियम व पॉलिसी से एग्री करना होगा. इसके बाद से ही दुनियाभर में व्हाट्सऐप के फेसबुक के साथ यूजर्स डेटा शेयर करने को लेकर बहस शुरू हो गई.
हालांकि इन सब के बीच कंपनी ने अपनी पॉलिसी को लेकर सफाई दी है. व्हाट्सएप का कहना है कि कि नई पॉलिसी से आम यूजर्स की प्राइवेसी पर फर्क नहीं पड़ेगा. व्हाट्सएप ने कहा कि हम यह 100 फीसदी साफ कर दें कि एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन के जरिए आपके प्राइवेट मैसेजेस आगे भी सेफ रहेंगे. आपको बता दें कि व्हाट्सएप की नई प्राइवेसी पॉलिसी 8 फरवरी से लागू हो जाएगी, जिसे एग्री करने के बाद ही यूजर्स आगे इस प्लेटफॉर्म का यूज कर पाएंगे.
वहीं इस नई पॉलिसी के चलते व्हाट्सएप को काफी ज्यादा नुकसान हुआ है. नई पॉलिसी आने के बाद और डेटा सेफ्टी के चलते यूजर्स प्राइवेसी फोकस्ड मैसेजिंग ऐप सिग्नल और टेलीग्राम की तरफ शिफ्ट हो रहे हैं. व्हाट्सएप के नई पॉलिसी जारी करने के बाद केवल भारत में करीब 1 हफ्ते में ही 35 प्रतिशत तक उसका डाउनलोड्स कम हो गया है. जबकि सिग्नल और टेलीग्राम ऐप को लगभग 40 लाख यूजर्स ने डाउनलोड किया है.