अल्मोड़ा में ‘परिवर्तन शिविर’ का आयोजन, वक्ताओं ने कहा- सत्ता की देन हैं तमाम समस्याएं


उत्तराखंड में लोकतांत्रिक अधिकारों का संघर्ष और मानवाधिकार विषय पर 26-27 दिसंबर को द्वाराहाट अल्मोड़ा में राज्य स्तरीय विमर्श हेतु दो दिवसीय परिवर्तन शिविर का आयोजन हुआ। इस शिविर के प्रथम दिवस 26 दिसंबर को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोज़गार, जल जंगल ज़मीन, नशा नहीं रोज़गार दो आंदोलन, वन बचाओ आंदोलन, नानीसार आंदोलन, नागरिक अधिकार महिला मुद्दों पर, स्थाई राजधानी गैरसैंण के मुद्दे पर गंभीरता से विमर्श हुआ।

उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पी. सी. तिवारी ने अध्यक्षता करते हुए सरकार की तमाम जन विरोधी नीतियों का विरोध किया। उन्होंने कहा सरकार ने लगातार हमारे संवैधानिक अधिकार हमसे छीने हैं जिसका विरोध करने की आश्यकता है। द्वाराहाट क्षेत्र की मधुबाला, भगवती तिवारी और तमाम क्षेत्रीय महिलाओं ने पशु बीमा के नाम पर गुमराह करते हुए लगाए जा रहे cow tags का विरोध किया और इस विरोध को बड़े स्तर पर ले जाने की बात की।

सुरईखेत से उपपा कार्यकर्ता और विवान सेवा समिति के महेश फुलारा ने कहा कि रोज़गार छीन लिए गए हैं और स्वरोजगार के लिए काफी संघर्ष है।


बागेश्वर से आए रमेश कृषक ने वन अधिकारों को ख़त्म करने वाली तमाम सरकारी नीतियों की कड़ी निन्दा करते हुए कहा कि –

आज़ादी से अब तक आई सभी सरकारें पहाड़ विरोधी हैं,और पहाड़ बचाने के लिए और अपने अधिकार बचाने के लिए हमें राजनीति में क्षेत्रीय विकल्प की आवश्यकता है। हमारी तमाम समस्याएं हमारी सत्ता में आई हुई सरकारों की देन है।

सल्ट से आए हुए पूर्व ज़िला पंचायत सदस्य नारायण सिंह ने पहाड़ की चुनौतियों को सामने रखते हुए जनता से जागरूक होने की बात कही।

अल्मोड़ा से आए हुए वसीम ने कहा कि

सरकार स्वास्थ्य के नाम पर अरबों रुपया पानी की तरह बहा रही है ताकि पूंजीपतियों की जेब गर्म हो। उत्तराखंड में महिलाएं प्रसव पीड़ा से आए दिन मौत का शिकार हो रही हैं जिसकी परवाह सरकारों को ज़रा भी नहीं है।

चलो गांव की ओर अभियान के संयोजक और शिक्षक मोहन कांडपाल जी ने शिक्षा की बदहाली और गांव से पलायन की समस्या को सरकार की विफलता बताया।

उपपा की केंद्रीय सचिव आनंदी वर्मा ने कहा कि सरकार किसी भी चीज़ की व्यवस्था नहीं कर पा रही है और लगातार अधिकारों का हनन कर रही है जिसके ख़िलाफ़ एकजुट होने की आवश्यकता है

स्थाई राजधानी गैरसैंण के मुद्दे पर और इसके संघर्ष को विस्तार से रखते हुए नारायण सिंह ने कहा कि सत्ता में आ रही पार्टियां आजतक हमें राजधानी नहीं देना चाहती।

इस शिविर का आयोजन गांव चलो अभियान, लोक चेतना मंच रानीखेत, उत्तराखंड छात्र संगठन, गैरसैंण राजधानी समिति गैरसैंण, देवभूमि सिविल सोसायटी हरिद्वार, दस्तक सामाजिक संस्था द्वाराहाट, महिला एकता परिषद् द्वाराहाट, व्यसन मुक्त समाज गरुड़, किसान सेवक समिति गनोली, महिला मंगलदल शिलग, ह्यूमन राइट्स लॉ नेटवर्क, ननिसर बचाओ संघर्ष समिति और उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने मिलकर आपसी सहयोग से किया।

इस बैठक में आमीनुर्रहमान, हीरा देवी, गोपाल राम, भावेश, पी सी जोशी, किरन आर्या, राजू गिरी, हाई कोर्ट अधिवक्ता स्निग्धा तिवारी, उत्तराखंड छात्र संगठन के अनुराग, प्रकाश, मनोज, भारती पांडे आदि लोग शामिल रहे।


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