यूजीसी- मालवीय मिशन टीचर्स ट्रेनिंग सेंटर, ईश्वर शरण पीजी कॉलेज, प्रयागराज की ओर से 13 सितंबर, 2024 को 24 दिवसीय ओरिएंटेशन कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन, नई दिल्ली की प्रो. अनुभूति यादव, इतिहासकार और शोधकर्ता डॉ. रमाशंकर सिंह तथा इतिहासकार डॉ. शुभनीत कौशिक ने तीन सत्रों में अपने वक्तव्य रखे।
तीसरे सत्र में “ऐतिहासिक शोध प्रविधि” विषय पर इतिहासकार डॉ. शुभनीत कौशिक ने कहा कि इतिहास की विविध व्याख्याएं और इतिहास लेखन की विभिन्न धारणाएं कई ऐतिहासिक शोध प्रविधियों का रास्ता खोलती हैं। उन्होंने कहा कि एक ओर कुछ इतिहासकार मानते हैं कि इतिहास अतीत और वर्तमान के मध्य अंतहीन संवाद है और दूसरी ओर कुछ इतिहासकार मानते हैं कि इतिहास अतीत को वैसे ही दिखाना है जैसे वह कभी घटित हुआ था। इन दोनों परिप्रेक्ष्यों के अलावा उन्होंने इतिहास में क्यों की तलाश को जानना इतिहासकार का दायित्व माना।
इससे पहले ओरिएंटेशन कार्यक्रम के दूसरे सत्र में इतिहासकार और शोधकर्ता डॉ. रमाशंकर सिंह ने कहा कि शोध की नई प्रवृत्तियों में विमुक्त और हाशिये के समुदायों का अध्ययन भी शामिल होना चाहिए। उन्होंने नदियों के किनारे बसे समुदायों के जीवन, उनकी आर्थिकी, सामाजिकी, और राजनीति से जुड़े तथ्यों को नीतिगत सच्चाई का हिस्सा बनाने पर जोर दिया। उन्होंने हाशिये के समुदायों के बच्चों के जीवन की शिक्षा, स्वास्थ्य और मनोरंजन की चुनौतियों को विश्लेषित करते हुए बताया कि बच्चों की एक बड़ी आबादी मुख्यधारा से दूर जा रही है।
इसी संदर्भ में प्रथम सत्र में प्रो. अनुभूति यादव ने भारत के व्यापक प्रिंट मीडिया और डिजिटल मीडिया क्षेत्रों में संभावनाओं और उनकी चुनौतियों को व्याख्यायित करते हुए बताया कि युवा पीढ़ी मोबाइल पर ज्यादातर कंटेंट ऑडियो विजुअल माध्यमों में ही स्वीकार कर रही है। उन्होंने कहा कि आज विद्यार्थी ही नहीं बल्कि शिक्षक भी मोबाइल फॉर्मेट में ही संक्षिप्त कंटेंट को पसंद कर रहे हैं।
प्रो. अनुभूति ने सोशल मीडिया के दौर में फैलाये जा रहे सूचना के प्रदूषण से बचने के लिए कई ऑनलाइन टूल्स के माध्यम से स्टोरीमैप, टाइमलाइन, डेटा विजुअलाईजेशन, इंफो ग्राफिक्स, इंफो स्फीयर आदि के निर्माण की प्रक्रिया को प्रतिभागियों के समक्ष रखा। ओरिएंटेशन कार्यक्रम संयोजिका डॉ. शाइस्ता इरशाद के स्वागत से शुरू हुआ और अंत में कार्यक्रम के सह-संयोजक डॉ. अंकित पाठक ने सभी वक्ताओं को धन्यवाद ज्ञापित किया।