…जीवन है अगर ज़हर तो पीना ही पड़ेगा!

यह लेख अमेरिकी राष्‍ट्रपति के चुनाव के संदर्भ में लिखा गया है। आपको बस इतना करना है कि कुछ शब्‍दों को गलत पढ़ देना है, जैसे US की जगह भारत, …

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बटला हाउस हत्‍याकांड: सवालों के घिरे चार साल

महताब आलम   बटला हाउस ‘इनकाउंटर’ को चार साल पूरे हो गए। 19 सितम्बर 2008 की सुबह दिल्ली के जामिया नगर इलाके में  बटला हाउस स्थित एल-18 फ्लैट में एक …

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मल्‍टीब्रांड रीटेल में एफडीआई: बड़े धोखे हैं इस राह में!

शेखर स्वामी मल्टीब्रांड रीटेल में एफडीआई के संबंध में नीति निर्माण के दौरान भारत विशिष्ट कुछ परिस्थितियों को संज्ञान में लिया जाना अपरिहार्य है, बजाय इसके कि इस मामले में …

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एफडीआई पर सरकार झूठ बोल रही है: सच्‍चर

जस्टिस राजिंदर सच्‍चर भारत में रीटेल कारोबार अनुमानत: 400 अरब डॉलर का है लेकिन इसमें कॉरपोरेट हिस्सेदारी सिर्फ पांच फीसदी है। भारत में रेहड़ी-पटरी लगाने वालों को जोड़ लें तो …

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मल्‍टीब्रांड रीटेल में एफडीआई: दावों का पोस्‍टमॉर्टम

सिंगल ब्रांड खुदरा बाज़ार में 100 फीसदी और मल्‍टीब्रांड में 51 फीसदी प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश ने तबाही की अंतिम खुराक इस देश को खिला दी है। दस-बारह साल का खेल …

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यह कोयला नहीं, ऑक्‍सीजन है!

अभिषेक श्रीवास्‍तव कोयले का सबक: जनता की सफाई ज़रूरी है क्या घोटाले की भी किसी को ज़रूरत हो सकती है? घोटाला ज़रूरत की चीज़ है या लोभ से पैदा होता …

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गैस्‍ट्रो वार्ड

अभिषेक श्रीवास्‍तव उसका चेहरा मेरे ज़ेहन से नहीं जा रहा। बताना भी उतना आसान नहीं कि देखने में वो कैसा था। पहली नज़र में सांवला, गोल और विशाल थोबड़ा। आंखें …

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