वादाखिलाफी के विरुद्ध 31 जनवरी को मनेगा देशव्यापी विश्वासघात दिवस: संयुक्त किसान मोर्चा

आगामी 23 और 24 फरवरी को देश की केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने मजदूर विरोधी चार लेबर कोड को वापस लेने के साथ-साथ किसानों को एमएसपी और प्राइवेटाइजेशन के विरोध जैसे मुद्दों पर राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। संयुक्त किसान मोर्चा देश भर में ग्रामीण हड़ताल आयोजित कर इस हड़ताल का समर्थन और सहयोग करेगा।

Read More

ढिंकिया के ग्रामीणों पर हुए हमले के खिलाफ NAPM और अन्य संगठनों का प्रतिवाद

ग्रामीणों ने तब पोस्को परियोजना का विरोध किया था और अपने जीवन और आजीविका के लिए एक दशक से लंबी लड़ाई लड़ी थी और अब वे फिर से क्षेत्र में JSW स्टील की प्रस्तावित परियोजना का विरोध कर रहे हैं क्योंकि पान, सुपारी, धान, काजू की खेती और मछली पकड़ने जैसे आजीविका पर उनका जीवन निर्भर है।

Read More

ओडिशा: जमीन कब्जाने के लिए गांव को पुलिस ने बनाया बंधक, SKM का शांति मार्च और प्रेस वार्ता

शुक्रवार को हुई प्रेस मीट में एसकेएम, ओडिशा ने साफ तौर से बताया कि कैसे लोगों को उनके गांव में कैद कर दिया गया है। रात में पुलिस के छापे, थाने में ग्रामीणों का हिरासत में लिया जाना और अपने प्‍लॉट बेने के लिए डराया धमकाया जाना आम बात हो गयी है। अनगिनत ग्रामीणों पर फर्जी मुकदमे लाद दिए गए हैं जिससे आतंक का माहौल है। घरों में घुस कर पुलिस द्वारा महिलाओं को धमकाए जाने की बात भी सामने आयी है।

Read More

किसान आंदोलन की जीत अनेक जनांदोलनों को जीवित रखने की ऊर्जा दे गयी: IPTA

4 दिसम्बर की शाम सत्यजित रे और साहिर लुधियानवी को समर्पित रही तथा 5 दिसम्बर की सुबह का सत्र अमृत राय, तेरा सिंह चन्न तथा संतोष सिंह धीर की जन्मशताब्दी को समर्पित रहा। इसके अलावा पंजाब इप्टा के कलाकारों द्वारा 4 दिसम्बर को सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति की गई। कार्यसूची के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए राष्ट्रीय समिति के पदाधिकारी एवं सदस्य तथा विशेष आमंत्रित युवा साथी इकट्ठा हुए थे।

Read More

झूठ के वायरस से लड़ने के लिए स्वतंत्र पत्रकारिता को मज़बूत करें: मारिया रेसा

फिलीपींस की पत्रकार मारिया रेसा को इस साल रूस के दिमित्री मुरातोव के साथ “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के रक्षार्थ प्रयासों” के लिए नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया है। अट्ठावन वर्षीय रेसा खोजी पत्रकारिता करने वाली एक वेबसाइट रैपलर की सह-संस्थापक हैं।

Read More

बनारस में गोष्ठी: भारतीय समाज एकरंगा बनाने की कोशिश बेहद खतरनाक!

काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत राजेन्द्र तिवारी ने कहा कि आज धर्म को सियासत की चाशनी में लपेटकर सरकार बनाने और बिगाड़ने का दौर शुरू है। ये किसी लोकतांत्रिक देश के लिए सबसे बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा कि आज धर्माधिकारियों और धर्म के व्यापारियों में समाज को बांट दिया गया है। इससे हमें सावधान होना चाहिए।

Read More

धार्मिक सत्ता स्थापित करने का प्रयास लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ: प्रो. राम पुनियानी

पूर्व की सरकारों के दौर में भी मीडिया की भूमिका पर सवाल उठते थे पर वह अपवादस्वरूप होते थे आज हालत इससे उलट है। मीडिया ने जनसरोकार से किनारा कर के सत्ता सरोकार से रिश्ता बना लिया है जिससे लोकतंत्र के चौथे खम्भे से आम जन का भरोसा उठता जा रहा है।

Read More

आजादी के अमृत वर्ष में ‘क्रांतिकारियों के मास्साब’ को गुमनामी से निकालने के लिए आमरण अनशन

गेंदालाल दीक्षित और क्रांतिकारियों को लेकर काम करने वाले दस्तावेजी फ़िल्म निर्माता और अवाम का सिनेमा के जरिये क्रांतिकारियों और समाज की सही तस्वीर सामने लाने वाले शाह आलम अभियान शुरू कर रहे हैं।

Read More

जो विपक्षी दल आपस में एक दूसरे के साथ लड़ते हैं, वे फ़ासिस्टों के साथ हैं: अरुंधति रॉय

हमें एक बड़ी अहम माँग उठाने की ज़रूरत है कि हमारे देश में कोई व्यक्ति सिर्फ़ एक ही कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री बन सकता है। हमें राजा-महाराजाओं का समय नहीं चाहिए। वह समय ख़त्म हो गया। अब हमें माँग करनी है कि एक व्यक्ति सिर्फ़ एक ही बार प्रधानमंत्री बन पाए, उससे ज्यादा नहीं। हमारी तरफ़ से यह एक लोकतांत्रिक माँग उठनी चाहिए।

Read More

श्रद्धांजलि: उपेक्षा के अंधेरे में बुझ गया समाजवादी पत्रकारिता का पुराना ‘जुगनू’

जुलाई में हिंदुस्तान के पुराने पत्रकार और प्रेस क्लब के अध्यक्ष उमाकांत लखेड़ा ने नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव को अनुरोध किया था कि जुगनू जी को दिल्ली के बिहार निवास या सदन में शिफ्ट किया जाए। अगस्त में पत्रकारों और समाजकर्मियों ने उनकी मदद के लिए बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखा था। किसी गुहार पर सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिली।

Read More