आस्‍था नहीं, अन्‍वेषण पर आधारित होना चाहिए इतिहास

भारतीय इतिहासलेखन के विकास, असहमति की परंपरा तथा बौद्धिक अभिव्‍यक्तियों को बाधित करने के मौजूदा प्रयासों पर रोमिला थापर की कुलदीप कुमार से बातचीत   (अनुवाद: अभिषेक श्रीवास्‍तव)   आपकी …

Read More

हाशिये पर पड़े समझदारों के लिए कुछ सबक

हाशिया अभी-अभी कुछ ज्‍यादा चौड़ा हुआ है। अकसर केंद्र तक टहल मार आने वाले तमाम लोगों में से कई परिधि पर धकेल दिए गए हैं। मेरी चिंता उन्‍हें लेकर नहीं …

Read More

दुख: एक कविता

एक पुराना दुख है मेरे भीतर कुछ पहचानें हैं उसकी कुछ निशान बिखरे हुए, स्‍मृतियों में धुंधले निराकार से- जिनके बारे में ठीक-ठीक नहीं बता सकता पूछे जाने पर। एक …

Read More

Benares Grapevine-6: जीत के आगे डर है

अभिषेक श्रीवास्‍तव  जैसा हमेशा होता है, इस बार भी हुआ है। बनारस को छोड़ने के विदड्रॉल सिम्‍पटम से जूझ रहा हूं। किसी को शराब छोड़ने के बाद, किसी को सिगरेट …

Read More

Benares Grapevine-4: रोडशो का झूठ और झाड़ू चलने का डर

माना जा रहा है कि नरेंद्रभाई मोदी बनारस से जीत रहे हैं, लेकिन उनकी जीत का जश्‍न मनाने वाले इस शहर में इतने भी नहीं कि बीएचयू गेट से रविदास …

Read More

Benares Grapevine-2: परेशान चेहरे और लड़खड़ाते घुटने

अस्‍सी चौराहे स्थित पप्‍पू की दुकान पर एक लंबा सा आदमी चाय पीने आया। उसकी लंबाई औसत से कुछ ज्‍यादा थी। एक व्‍यक्ति ने उसे देखकर दूसरे से कहा, ”ई …

Read More