करनाल: किसानों ने उखाड़ दिया था CM खट्टर की रैली का मंच और हैलीपैड, BKU (चढूनी) ने ली जिम्मेदारी


केंद्र सरकार द्वारा पास किये गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन दिन प्रतिदिन व्यापक होता जा रहा है। हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने तीन कृषि कानूनों के पक्ष में ‘किसान पंचायत’ का कार्यक्रम रखा था। मुख्यमंत्री खट्टर की यह ‘किसान पंचायत’ करनाल के गांव कैमला में होनी थी। सीएम खट्टर के ‘किसान पंचायत’ कार्यक्रम में शिरकत करने से पहले ही किसानों ने जोरदार विरोध करते हुए सीएम खट्टर का हेलीपैड और किसान पंचायत कार्यक्रम का मंच उखाड़ दिया।

इस कार्रवाई की जिम्मेदारी भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) ने ली है। जनपथ से इस बारे में किसान नेता चढूनी ने लंबी बात की।

पुलिस ने कार्यक्रम स्थल से करीब 3 किलोमीटर पहले बेरिकेड्स और सड़क के बीच बड़े-बड़े वाहन लगवाकर किसानों को रोकने की कोशिश की।

इस दौरान किसानों और पुलिस के बीच झड़प हुई जिसमें पुलिस ने किसानों पर वाटर कैनन और आंसू गैस के गोले दागे। पुलिस की पानी की बौछारों और आसूं गैस के गोलों के बीच किसान कैमला गांव की ओर बढ़ते रहे। इस दौरान पुलिस ने किसानों पर पचास से ज्यादा आंसू गैस के गोले दागे, खेत में नमी होने के कारण आंसू गैस के गोले किसानों पर ज्यादा असर नहीं कर पाए।

किसान एकता जिन्दाबाद’, मोदी-खट्टर मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए किसान आगे बढ़ते गए। पुलिस के साथ चले इस संघर्ष के बीच पास के ही गांव बसताड़ा से आए किसान ने कहा कि-

हमें किसी भी कीमत पर गांव कैमला पहुंचकर सीएम खट्टर का विरोध करना है, पुलिस चाहे हम पर गोलियां भी चला दे हम रुकने वाले नहीं हैं।

कड़ी मशक्कत के बाद करीब 3 किलोमीटर पैदल चलकर किसान खेत के रास्तों से होते हुए कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे, आंदोलन स्थल पर पहुंचने के बाद किसानों ने रणनीति बनाई कि सीएम खट्टर के आने के बाद उनके खिलाफ नारेबाजी और काले झंडे दिखाकर विरोध करेंगे।

किसान कार्यक्रम मंच के दूसरी और शान्ति से बैठ गये जिसके बाद सीएम के कार्यक्रम का समर्थन कर रहे गांव के ही कुछ लोगों ने किसानों पर हमला बोल दिया जिसके बाद टकराव की स्थित पैदा हो गई। टकराव होने के बाद किसानों ने सीएम के हेलीपैड और मंच को निशाना बनाना शुरू कर दिया। इस बीच किसानों ने मंच पर लगे पोस्टरों को फाड़ना, कुर्सियों को तोड़ना शुरू कर दिया। वहीं सीएम खट्टर की अगवानी के लिये कार्यक्रम स्थल पर आए हरियाणा बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ और स्थानीय बीजेपी विधायक हरविंदर कल्याण भी भागते नजर आये।

कैमला गांव की महिलाओं ने बताया:

गांव के कुछ लोगों को छोड़कर पूरा गांव किसानों के साथ है। इससे पहले भी करनाल के ही गांव पाढा में सीएम के एक कार्यक्रम से पहले किसानों ने हेलीपैड उखाड़ दिया था जिसके चलते वहां भी सीएम को अपना कार्यक्रम रद्द करना पड़ा था। उसके बाद अम्बाला में भी सीएम के काफिले का जोरदार विरोध हुआ था जहां किसानों ने काले झंडे दिखाकर सीएम के काफिले को मोड़ दिया था।

एक ओर किसान आंदोलन के शुरुआत में ही सीएम खट्टर ने कहा था कि किसान आंदोलन में हरियाणा के किसान शामिल नहीं है वहीं अब सीएम खट्टर अपने ही क्षेत्र के किसानों के विरोध का सामना कर रहे हैं। सीएम खट्टर को अब एहसास हो गया होगा कि किसान आंदोलन में केवल हरियाणा ही नहीं सीएम सिटी करनाल के किसान भी बड़े स्तर पर शामिल हैं।



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