पेनरोज़ को मिला नोबल वाया आइन्स्टाइन और हॉकिंग: रवि सिन्हा का व्याख्यान


इस साल का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार रॉजर पेनरोज़ को यह साबित करने के लिए दिया गया कि ब्लैक होल्स आइन्स्टाइन की जनरल थियरी ऑफ़ रिलेटिविटी के अनिवार्य परिणाम हैं. यह काम उन्होंने सन 1965 में किया था. पेनरोज़ के साथ दो और भौतिक शास्त्री भी इस साल के नोबेल विजेता हैं जिन्होंने हमारी अपनी आकाशगंगा के केंद्र में एक अत्यन्त विशाल ब्लैक होल ढूंढ निकाला था.

तीन साल पहले सन 2017 का फ़िज़िक्स नोबेल किप थॉर्न समेत तीन भौतिकशास्त्रियों को गुरुत्व तरंगों की खोज के लिए मिला था. जनरल थियरी ऑफ़ रिलेटिविटी के प्रतिपादित होने के ठीक एक शताब्दी बाद 14 सितम्बर 2015 को पृथ्वी पर वो गुरुत्व तरंगें पहुँची थीं जिनका जन्म ब्रह्माण्ड के दूसरे छोर पर अब से 1.3 अरब वर्ष पहले दो विशाल ब्लैक होल्स के एक दूसरे के द्वारा निगल लिए जाने के क्षण में हुआ था.

गुरुत्व तरंगों के अप्रत्यक्ष प्रमाण सन 1974 में मिले थे जब हल्स और टेलर नाम के दो खगोलशास्त्रियों ने उस पल्सार की खोज की थी जिसे अब हल्स-टेलर पल्सार कहा जाता है. इस खोज के लिए उन दोनों को 1993 का फ़िज़िक्स नोबेल दिया गया था.

विशाल तारों के विकास-क्रम और ब्लैक होल्स के खगोलीय उद्भव का अध्ययन सुब्रमण्यन चन्द्रशेखर ने सन 1930 में शुरू किया था जब मात्र 19 वर्ष की उम्र में भारत से इंग्लैण्ड जाते हुए समुद्री जहाज पर उन्होंने भारी तारों लिये “चन्द्रशेखर लिमिट” की गणना की थी. पूरी आधी सदी के बाद सन 1983 का फ़िज़िक्स नोबेल उन्हें इसी काम के लिए दिया गया था.

दूसरी तरफ़ प्रख्यात भौतिकशास्त्री स्टीफेन हॉकिंग ने 1965-70 के दौरान पेनरोज़ के थियरम का विस्तार करते हुए यह प्रमाणित किया कि बिग बैंग के साथ ब्रह्माण्ड की शुरुआत आइन्स्टाइन की जनरल रिलेटिविटी का ही एक अनिवार्य परिणाम है.

बिग बैंग के साफ़ सबूत तब मिले थे जब प्रिन्सटन के दो भौतिकशास्त्रियों ने 1965 में अकस्मात यह खोज लिया कि पूरा ब्रह्माण्ड एक माइक्रोवेव रेडिएशन में नहाया हुआ है. इस खोज के लिये उन्हें सन 1978 का फ़िज़िक्स नोबेल प्राप्त हुआ था.

इतिहास की यह एक विडम्बना ही कही जायेगी कि अपनी ही थियरी की इन हैरतअंगेज़ भविष्यवाणियों पर आइन्स्टाइन को अक्सर संदेह रहा. जब 1916 में कार्ल श्वार्ज़शाइल्ड ने जनरल थियरी के समीकरणों का गणितीय समाधान पहली बार प्रस्तुत किया जिसमें ब्लैक होल्स की धारणा निहित थी तो आइन्स्टाइन ने इसे अच्छा गणित तो माना लेकिन इसके भौतिक महत्व से इन्कार किया.

जब जनरल थियरी के समीकरणों ने फैलते ब्रह्माण्ड की भविष्यवाणी की जिसमें बिग बैंग की अवधारणा निहित थी तो उन्होंने अपने ही समीकरणों से छेड़छाड़ की और ज़बरदस्ती उनसे स्थिर और स्थायी ब्रह्माण्ड निगमित करने के प्रयास किये. उन्होंने 1916 में ही गुरुत्व तरंगों की भविष्यवाणी की लेकिन साथ में यह भी जोड़ दिया कि उन्हें कभी भी देखा नहीं जा सकेगा.

डिराक ने एक बार कहा था कि डिराक-इक्वेशन डिराक से अधिक बुद्धिमान है. आइन्स्टाइन पर यह बात और भी ज़ोर से लागू होती है.

इस व्याख्यान में आइन्स्टाइन से पेनरोज़ और हॉकिंग तक की वह कहानी कही जायेगी जिसमें अन्य महारथियों का वर्णन भी होगा. जब यह कथा शुरू हुई थी तो वह बीसवीं सदी की शुरुआत थी. तब हमें अपनी आकाशगंगा से आगे कुछ भी पता नहीं था. सौ सालों के अन्दर ही विज्ञान अब वहाँ पहुँच गया है जहाँ बिग बैंग और ब्लैक होल्स कल्पना मात्र नहीं रह गये और समूचा ब्रह्माण्ड ही हमारे समीकरणों और हमारी मशीनों की गिरफ़्त में आ गया है. उनके खेल का मैदान बन गया है.


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