संयुक्त किसान मोर्चा के देशव्यापी आवाहन पर भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव के शहादत दिवस के अवसर पर पूरे प्रदेश में युवा मंच ने युवा अधिकार दिवस मनाया। इस मौके पर रोजगार को मौलिक अधिकार बनाने, देश भर में 24 लाख से ज्यादा रिक्त पदों को तत्काल भरने, पारदर्शी, समयबद्ध व निशुल्क चयन प्रक्रिया और रोजगार सृजन की नीति बनाने की मांग उठाई गई।
इस मौके पर युवा मंच के नेताओं ने कहा कि कारपोरेट वित्तीय पूंजी के हित में संचालित नीतियों से रोजगार का खत्म हुए और अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है। उन्होंने कहा कि अंधाधुंध निजीकरण कर सार्वजनिक क्षेत्र को कारपोरेट के हवाले किया जा रहा है और अब तो मोदी सरकार खेती किसानी को बाजार के हवाले करने के लिए काले कृषि कानून ले आयी। उन्होंने कहा कि देश में कृषि आधारित अर्थव्यवस्था से ही आजीविका का सवाल भी हल हो सकता है। इसलिए युवाओं का दायित्व है कि किसानों के आंदोलन का हर स्तर पर सहयोग करें।
वक्ताओं ने कहा कि मोदी-योगी का विकास व रोजगार के प्रोपैगेंडा की जमीनी हकीकत एकदम विपरीत है। आज सच्चाई यह है कि प्रदेश व देश में बेकारी भयावह स्थिति में है और बेकारी का संकट गहराता जा रहा है, मोदी-योगी सरकार भयावह होती जा रही बेकारी के सवाल को हल करने के बजाय सिर्फ प्रोपेगंडा कर रही है। यहाँ तक कि सरकार ने संसद में भी स्वीकार किया की डेढ़ करोड़ विस्थापित प्रवासी मजदूरों में से आधे को भी वापस रोजगार नहीं मिल पाया है। सरकार रोजगार के लिए बड़ी बड़ी बातें कर रही है लेकिन मनरेगा जैसी योजनाओं का भी आपदा के दौर में भी सही क्रियान्वयन नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आज जरूरत जनपक्षधर नीतियों के निर्माण की है।
इलाहाबाद में युवा मंच संयोजक राजेश सचान, अध्यक्ष अनिल सिंह, ईशान गोयल, सोनभद्र में सूरज कोल, रूबी सिंह, कृपा शंकर पनिका, गुंजा गोड़, सीतापुर में नागेश गौतम, अभिलाष गौतम, चंदौली आलोक राजभर, मऊ में एकबाल अहमद, लखीमपुर में दारिश अहमद, आलोक भारती, आगरा में पूरन यादव, आजमगढ़ में जय प्रकाश यादव आदि ने कार्यक्रम का नेतृत्व किया।