गणतंत्र दिवस पर किसान परेड के दौरान दिल्ली के कुछ हिस्सों में हुई हिंसा के चौबीस घंटे बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने अपनी अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस की और आगे का कार्यक्रम घोषित किया। फिलहाल 1 फरवरी को होने वाला संसद मार्च स्थगित कर दिया गया है। गांधीजी की पुण्यतिथि पर देशवासियों से एक दिन के अनशन की अपील की गयी है।
किसान नेता शिव कुमार कक्का ने कहा कि कल जो हुआ, वह सरकार की योजना का हिस्सा है और वे समय आने पर इसका पूरा परदाफाश करेंगे। जिन लोगों को टेंट में लाकर बसाया गया, उनके यहां बड़े-बड़े अधिकारी मिलने आये और उनके दिल्ली में घुसने के लिए रूट बनाया गया।
संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने गणतंत्र दिवस पर लाल किला और आइटीओ पर हुई घटनाओं को दुर्भाग्यपूर्ण ठहराते हुए निंदा की और उसके लिए किसान मजदूर संघर्ष कमेटी व दीप सिद्धू को दोषी ठहराया है। नेताओं का कहना है कि इनके साथ केंद्र सरकार की मिलीभगत थी।
किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा कि जिस व्यक्ति ने लाल किले वाला कृत्य किया है उसके ऊपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि 22 जनवरी को जब बैठक टूटी तो कृषि मंत्री ने यह कहते हुए बात खत्म की कि 26 तारीख की आप भी तैयारी करो, हम भी करते हैं। उन्होंने कहा कि हमें नहीं पता था कि हमारे खिलाफ ऐसा षडयंत्र किया जाएगा।
किसान नेता दल्लेवाल ने कहा है कि शुरू से इस आंदोलन को जो आतंकवादियों का बताने की कोशिश हो रही थी, कल की घटना उसी को सिद्ध करने के लिए सरकार ने करवायी है। उन्होंने बताया कि जो रूट तय था वहां पुलिस और बैरिकेडिंग थी जबकि बाकी रास्ता खाली छोड़ा गया था। ये षडयंत्र था।
नेताओं ने कहा कि आइटीओ पर मारा गया उत्तराखण्ड का किसान पुलिस के आंसू गैस के गोले लगने के कारण ट्रैक्टर पलटने से मरा। पुलिस के ऊपर हिंसा की बात पर बताया गया कि केवल 16 पुलिसकर्मियों को मामूली चोट आयी थी जिन्हें लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल में भर्ती करने के बाद डिसचार्ज कर दिया गया।
कक्का ने कहा कि कल की घटना में तिरंगे को किसी ने नहीं छेड़ा। वे मानते हैं कि तिरंगे के बगल में कोई ध्वज नहीं होना चाहिए, इसलिए गलती तो हुई है। जवाबदेही भी उन्हीं की है। योगेंद्र यादव ने भी से गलत ठहराते हुए इसकी नैतिक जिम्मेदारी ली है। कक्का ने कहा कि हमसे कहीं न कहीं चूक हुई है।
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