गुजरात: राजद्रोह में गिरफ्तारी के तीन दिन बाद पुलिस ने पत्रकार को किया मजिस्ट्रेट के सामने पेश


गुजरात के पत्रकार धवल पटेल को गिरफ्तार करने के करीब तीन दिन बाद अमदाबाद पुलिस ने गुरुवार शाम 5 बजे मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया। भारत के कानून के मुताबिक किसी भी आरोपित को गिरफ्तारी के 24 घंटे के भीतर मजिस्ट्रेट के सामने प्रस्तुत करना होता है, गुजरात पुलिस ने इस मामले में कानून का उल्लंघन किया है। यह जानकारी कमेटी टु प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (सीपीजे) ने एक विज्ञप्ति में दी है।

पटेल को अमदाबाद पुलिस ने 11 मई को गिरफ्तार किया था और 13 मई को उन पर राजद्रोह का मुकदमा कायम किया। उनके वकील आनंद याज्ञिक के मुताबिक उन पर आरोप है कि कोविड-19 के बीच उन्होंने झूठे समाचार का प्रकाशन किया है। याज्ञिक के मुताबिक उन्हें पटेल से गुरुवार शाम तक मिलने नहीं दिया गया था जबकि उन्होंने कई बार इसके लिए आवेदन किया था।    

पटेल को शुक्रवार को दिन में 11 बजे फिर से अदालत में मजिस्ट्रेट के समक्ष लाया जाएगा। याज्ञिक ने सत्र न्यायालय में सुनवाई का अनुरोध रखा है क्योंकि उसके पास ही राजद्रोह के केस में ज़मानत देने का अधिकार है।

धवल पटेल फेस आफ नेशन नाम की वेबसाइट के संपादक हैं। उन्होंने 7 मई को एक ख़बर प्रकाशित की थी जिसमें कहा गया था कि कोविड-19 से निपटने की नाकामी के चलते गुजरात के मुख्यमंत्री को हटाया जा सकता है। इसके बाद पटेल को 10 मई को ही हिरासत में ले लिया गया था लेकिन औपचारिक रूप से उनकी गिरफ्तारी 11 मई की दिखायी गयी क्योंकि गुजरात हाइकोर्ट ने एक विशेष प्रोटोकॉल लगाया है कि गिरफ्तार किये जा रहे किसी भी व्यक्ति का पहले कोरोना टेस्ट किया जाना है।

राजद्रोह का आरोप अगर साबित होता है तो पटेल को आजीवन कारावास की सज़ा हो सकती है। गलत समाचार प्रकाशित करने के आरोप में उन्हें आपदा प्रबंधन कानून के तहत दो साल की जेल हो सकती है। पटेल की शुक्रवार दिन में 11 बजे फिर से मजिस्ट्रेट के सामने पेशी है।


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One Comment on “गुजरात: राजद्रोह में गिरफ्तारी के तीन दिन बाद पुलिस ने पत्रकार को किया मजिस्ट्रेट के सामने पेश”

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