स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज बैंक ने अनिल अंबानी के रिलायंस कम्युनिकेशन के अकाउंट को फ्रॉड घोषित कर दिया है. साथ ही एसबीआई और यूबीआई ने रिलायंस टेलिकॉम लिमिटेड के खातों को भी फ्रॉड घोषित किया है.
इन बैंकों ने अनिल अंबानी की कंपनी पर कथित तौर पर धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया है.रिपोर्ट के मुताबिक रिलायंस कम्युनिकेशन पर विजय माल्या और नीरव मोदी से बैंकों का दस गुना ज्यादा बकाया है.
इस धोखाधड़ी के आरोप के बाद रिलायंस कम्युनिकेशंस का रेजोल्यूशन प्लान लटक गया हैं और खुद कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार रिलायंस पर 49,193 करोड़ बकाया है.इसके अलावा, रिलायंस टेलीकॉम पर 24,306.27 करोड़ और रिलायंस इंफ्राटेल पर 12,687.65 करोड़ रुपये का बकाया है.
कुल मिलाकर यह राशि कुल 86,188 करोड़ रुपये हो जाता है. जबकि इसमें स्पेक्ट्रम का 28,837 का बकाया शामिल नहीं है. यह राशि विजय माल्या और नीरव मोदी द्वारा लूटे गये कुल रकम से दस गुना अधिक है. माल्या पर बैंकों का 9 हजार करोड़ और नीरव मोदी का करीब 7,500 करोड़ बकाया है.
अनिल अम्बानी की तीनों कंपनियों को 5,500 करोड़ रुपये दिए जाने के बाद उठे सवाल पर फॉरेंसिक ऑडिट होने के बाद यह बातें सामने आई हैं.
जांच में पाया गया कि मई 2017 से मार्च 201 के दौरान तीन बड़ी एंट्री को सैकड़ों और हजारों लेनदेन के बीच दबाने का प्रयास किया गया. इस मामले में आरकॉम, जियो और यूवीएआरसीएल ने ईडी के सवालों का जवाब नहीं दिया.
कंपनी ने साल 2017 में अपनी वायरलैस सेवा बंद कर दी थी. कंपनी पर कर्ज और घाटे का बोझ लगातार बढ़ रहा था. सितंबर 2016 में जियो की एंट्री के बाद से टेलिकॉम सेक्टर में प्रतियोगिता तेजी से बढ़ी है.