जयपुर जिले की कोटपुुतली तहसील स्थित शुक्लावास, पवाना अहिर, बूचारा, दूदावास, पिचानी में खनन कर रहे 15 खनन पट्टाधारकों व राज्य सरकार को खननग्रस्त संघर्ष समिति की पर्यावरणीय उल्लंघनों पर दायर याचिका संख्या 5/2020 के आधार पर राष्ट्रीय हरित विकास प्राधिकरण (एनजीटी) की ओर से नोटिस जारी किया गया है।
प्राधिकरण ने याचिका पर अगली सुनवाई 19 नवंबर 2020 को तय की है। खनन के खिलाफ संघर्ष समिति की ओर से राधे श्याम शुक्लावास व विमल भाई ने यह याचिका दायर की थी।
क्षेत्र के लोग बरसों से इन कंपनियों के पर्यावरणीय उल्लंघनोंं के प्रभाव को झेल रहे हैं। पांचोंं गांवों के मकानों में, स्कूल व डिस्पेंसरी में दरारें आ गयी हैं। स्थिति इतनी बदतर है कि कभी खेतों में काम कर रहे लोगों पर पत्थर आकर गिरते हैं। खनन पट्टाधारक मकानों से न्यूनतम दूरी के नियम तक का पालन नहीं कर रहे हैं।
एक तरफ इलाके में पानी की कमी है तो दूसरी तरफ पट्टाधारक खदानों में भरे पानी को निकाल कर फेंक देते हैं। इसके अलावा गहरी खुदाई से पैदा होने वाले विस्फोटकों के कारण न केवल गांव में नुकसान हो रहा है बल्कि नीचे पानी के स्रोतों तक नुकसान पहुंच रहा है।
लोगों ने लगातार अनिश्चितकालीन धरने किये, भूख हड़ताल की, कोटपुतली से जयपुर जिला अधिकारी तक के समक्ष बार-बार पहुंचे। देश के बड़े-बड़े समाजकर्मी तक धरने पर पहुँचे। सरकार द्वारा हर बार जांच समितियों की घोषणा हुई किंतु बात सिरे तक नहीं पहुंची।
अंत में लोगो ने निर्णय लिया और जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय के सहयोग से राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण में मुकदमा दायर किया गया। लाइफ संस्था के वकील राहुल चौधरी अपने सहयोगियों के साथ कोटपुतली आये और क्षेत्र का भ्रमण किया तथा समस्या को गहराई से जांच परख कर जाना।
खनन पट्टाधारकों द्वारा किये गये विस्फोटों और पर्यावरणीय उल्लंघनों के कारण अब तक जो नुकसान हुए हैं उसके मुआवजे के लिए भी राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण में याचिका (48/2020 CZ) दायर की गयी थी। 31 जुलाई, 2020 को प्राधिकरण ने सरकार को नोटिस भेजकर जमीनी सर्वे करके रिपोर्ट दाखिल करने के लिए आदेशित किया था।
खनन के खिलाफ संघर्ष समिति की ओर से यादराम आर्य, राधेश्याम शुक्लावास, प्रकाश देवी आर्य, ग्यारसी लाल आर्य व राधे श्याम शुक्लवास ने यह याचिका दायर की थी।
प्राधिकरण के आदेशानुसार अभी तक सरकार ने न तो जमीनी सर्वे किया, ना कोई समिति बनायी, न रिपोर्ट दाखिल की। प्राधिकरण ने सरकार को अगली सुनवाई 14 अक्टूबर से पहले रिपोर्ट दाखिल करने के लिए आदेशित किया है। दोनों ही याचिकाओं पर माननीय न्यायधीश शेओ कुमार सिंह एवं विशेषज्ञ सदस्य डॉक्टर सत्यवान सिंह गबरयाल सुनवाई कर रहे हैं। संघर्ष समिति की ओर से दोनों ही याचिकाओं पर इस बार लाइफ़ संस्था के वकील सौरभ शर्मा प्रस्तुत हुए।
अणंची देवी, विक्रम आर्य, राधेश्याम शुक्लावास {9829778227} व विमल भाई {9718479517} द्वारा जारी