दारापुरी व मो. शोएब को सरकारी वसूली का नोटिस भेजने की निंदा, मुकदमा वापस हो: सोशलिस्ट पार्टी


19 दिसम्बर, 2019 को नागरिकता संशोधन अधिनियम व राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के विरोध में राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन के दिन सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट मोहम्मद शोएब को लखनऊ में अपने घर में नजरबंद रखने के बावजूद हिंसा भड़काने के आरोप में एक माह जेल काटनी पड़ी। हिंसा के दौरान हुई क्षति की वसूली का मांगपत्र दिया गया व न्यायालय द्वारा दोषी सिद्ध किए जाने से पहले ही शहर में सभी आरोपियों की फोटो सहित सार्वजनिक जगहों पर होर्डिंग लगाकर उन्हें बदनाम किया गया।

अब जबकि कोरोना संकट के दौर में अस्पतालों में सामान्य मरीजों को देखने की सेवा नहीं शुरू हुई है, शेष सरकारी विभाग भी कम कर्मचारियों के काम चला रहे हैं, बाजार में दुकानें पूरी तरह खुली नहीं हैं, शैक्षणिक संस्थान बंद हैं व कई आवश्यक सेवाएं जैसे रेल आदि प्रभावित हैं, सरकार को इतनी फुरसत है कि बजाय कोरोना के संकट से निपटने में अपना ध्यान लगाने के वह नागरिकता संशोधन अधिनियम व राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के विरोध में हुए आंदोलन में शामिल लोगों के खिलाफ बदले की भावना से कार्यवाही कर रही है।

हम एडवोकेट मोहम्मद शोएब, सेवानिवृत पुलिस अधिकारी एस.आर. दारापुरी, आदि को 18 जून, 2020 को पुनः रुपए 64,37,637 का अपर जिलाधिकारी, लखनऊ द्वारा मांगपत्र या नोटिस भेजे जाने व एक हफ्ते में अदा न किए जाने पर चल-अचल सम्पत्ति की कुर्की व नीलामी की धमकी दिए जाने की निंदा करते हैं।

एडवोकेट मोहम्मद शोएब व अन्य के खिलाफ जो झूठा मुकदमा कायम किया गया है उसे वापस लिया जाए और केन्द्र सरकार विवादास्पद कानून नागरिकता संशोधन अधिनियम व राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर की प्रक्रिया को भी वापस ले।

  • पन्नालाल सुराणा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, 9423734089
  • संदीप पाण्डेय, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, फोनः 0522 2355978, ashaashram@yahoo.com
  • श्याम गम्भीर, राष्ट्रीय महामंत्री, 9810503939, 9818123939


About जनपथ

जनपथ हिंदी जगत के शुरुआती ब्लॉगों में है जिसे 2006 में शुरू किया गया था। शुरुआत में निजी ब्लॉग के रूप में इसकी शक्ल थी, जिसे बाद में चुनिंदा लेखों, ख़बरों, संस्मरणों और साक्षात्कारों तक विस्तृत किया गया। अपने दस साल इस ब्लॉग ने 2016 में पूरे किए, लेकिन संयोग से कुछ तकनीकी दिक्कत के चलते इसके डोमेन का नवीनीकरण नहीं हो सका। जनपथ को मौजूदा पता दोबारा 2019 में मिला, जिसके बाद कुछ समानधर्मा लेखकों और पत्रकारों के सुझाव से इसे एक वेबसाइट में तब्दील करने की दिशा में प्रयास किया गया। इसके पीछे सोच वही रही जो बरसों पहले ब्लॉग शुरू करते वक्त थी, कि स्वतंत्र रूप से लिखने वालों के लिए अखबारों में स्पेस कम हो रही है। ऐसी सूरत में जनपथ की कोशिश है कि वैचारिक टिप्पणियों, संस्मरणों, विश्लेषणों, अनूदित लेखों और साक्षात्कारों के माध्यम से एक दबावमुक्त सामुदायिक मंच का निर्माण किया जाए जहां किसी के छपने पर, कुछ भी छपने पर, पाबंदी न हो। शर्त बस एक हैः जो भी छपे, वह जन-हित में हो। व्यापक जन-सरोकारों से प्रेरित हो। व्यावसायिक लालसा से मुक्त हो क्योंकि जनपथ विशुद्ध अव्यावसायिक मंच है और कहीं किसी भी रूप में किसी संस्थान के तौर पर पंजीकृत नहीं है।

View all posts by जनपथ →

5 Comments on “दारापुरी व मो. शोएब को सरकारी वसूली का नोटिस भेजने की निंदा, मुकदमा वापस हो: सोशलिस्ट पार्टी”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *