वक्तव्य
विभिन्न माध्यमों से पता चला है कि पिछले दिनों हिंदी के वयोवृद्ध लेखक राजेन्द्र यादव के साथ उनके घर जाकर अजित अंजुम नाम के व्यक्ति ने, जो टीवी का पत्रकार बतलाया जाता है, बदसलूकी और गाली–गलौज किया।
यह अत्यंत शर्मनाक और खेदजनक घटना है।
हो सकता है अजित अंजुम की राजेन्द्र यादव से कुछ शिकायतें हों। हम उस मामले में कोई भी पक्ष नहीं ले रहे हैं। लेखक के रूप में हमारा मानना सिर्फ यह है कि जब विवाद लेखन को लेकर हो और दो पढ़े–लिखे प्रबुद्ध लोगों के बीच हो तो उसे लोकतांत्रिक तरीके से हल किया जाना चाहिए।
हम इस तरह के व्यवहार की भर्त्सना करते हैं और अपेक्षा करते हैं कि अजित अंजुम अपने इस व्यवहार के लिए अफसोस प्रकट करेंगे।
– नामवर सिंह
– केदारनाथ सिंह
– अशोक वाजपेयी
– आनंदस्वरूप वर्मा
– मंगलेश डबराल
– मैत्रेयी पुष्पा
– पंकज बिष्ट (मो. 9868302298)
– प्रेमपाल शर्मा
– भारत भारद्वाज
नोटः सभी लेखकों ने फोन पर स्वीकृति दी हुई है। इस संबंध में किसी भी बात के लिए पंकज बिष्ट से संपर्क किया जा सकता है।
Read more
यह आघातकारी समाचार है….यह मुलाकात अजित अंजुम ने व्यावसायिक तौर पर ली थी या व्यक्तिगत तौर पर…?
बेहद अफसोसजनक… घोर निंदनीय कृत्य… ये अजीत अंजुम चाहे किसी भी पेशे से जुड़े हों पर इस कृत्य ने, यदि इसमें तनिक भी सच्चाई है तो, साबित कर दिया है कि वे एक इंसान के रूप में दो कौड़ी के भी नहीं हैं और पत्रकार तो खैर वे किसी दृष्टि से नहीं लगते. ज़रूरी है कि ऐसे लोगों को असहमतियों का आदर करना सिखाया जाये.