बनारस: एक भ्रम, एक सवाल, एक उधार

मैं पांच दिन के बाद बनारस से लौट रहा हूं। ठीक पांच दिन पहले बनारस लौटा था। दोनों ही स्थितियों में फर्क है। मन:स्थिति का फर्क। जब तीन बरस बाद …

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तीन साल बाद बनारस: फिर बैतलवा डाल पर

आज रात 12 बजे मैं पटना से मुग़लसराय अपने तीन साथियों के साथ पहुंचा। मुग़लसराय को कभी बनारस से जुदा नहीं मान सका, सो गिरते ही चाय पीकर सबसे पहले …

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किशनजी पर नवारुण भट्टाचार्य की एक कविता

बांग्‍ला के कवि नवारुण भट्टाचार्य ने माओवादी नेता किशनजी की हत्‍या पर एक कविता लिखी है जिसका अनुवाद कृपाशंकर चौबे ने किया है। यह कविता हमने चंद्रिका के ब्‍लॉग ‘दखल …

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कृपया वाक्‍य सुधारें

ऐ लाल फ़रेरे तेरी कसम, हिंदी कभी सही नहीं लिखेंगे हम: फ़र्जी मुठभेड़ में माओवादी नेता किशनजी की हत्‍या के खिलाफ़ बंग भवन के बाहर शुक्रवार को हुआ प्रदर्शन ज़रा …

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सुल्‍तान बलबन नहीं, बलबन बाबा

बलबन बाबा: महरौली के बियाबान में सुल्‍तान बलबन की सुनसान मज़ार अनुभव कभी-कभार इतिहास को धोखा दे देता है। ये बात मुझे हाल में पता चली जब मैं घूमते-टहलते कुतुबमीनार …

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तस्‍वीरें झूठ नहीं बोलतीं…

पोस्‍टमॉर्टम के दौरान खींची गईं माओवादी नेता किशनजी की ये तस्‍वीरें आज सुबह  सर्कुलेट हुई हैं। अब तक वरवरा राव समेत किशनजी की भतीजी, उनकी मां और मुख्‍यधारा की राजनीति के …

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निज़ामी बंधुओं की आवाज़ में कुन फ़याकुन लाइव

बीती जुमे रात यानी 24 नवंबर को कव्‍वाल चांद निज़ामी और उनके भाइयों ने हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया की दरगाह पर रॉकस्‍टार की मशहूर कव्‍वाली कुन फ़याकुन की विशेष प्रस्‍तुति की। …

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फ़याक़ुन का जादूगर

हज़रत निज़ामुद्दीन औलिया की दरगाह: जो है तुझमें समाया वो है मुझमें समाया या निज़ामुद्दीन औलिया, या निज़ामुद्दीन सरकारकदम बढ़ा ले, हदों को मिटा लेआ जा खालीपन में पी का …

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