कहानी तीन गांवों की: आखिरी किस्‍त

अभिषेक श्रीवास्‍तव   ओंकारेश्‍वर के घाट पर खडी स्‍टीमर और पीछे दिख रहा है ओंकारेश्‍वर बांध   समय कम था, लेकिन नर्मदा में नहाने का लोभ संवरण हम नहीं कर …

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कहानी तीन गांवों की: चौथी किस्‍त

अभिषेक श्रीवास्‍तव  किशोर कुमार की याद में बना स्‍मारक  एक अक्टूबर की सुबह। तड़के ड्राइवर शर्मा का फोन आ गया। दस मिनट में तैयार होकर हम नीचे थे। रास्ते में …

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कहानी तीन गांवों की: तीसरी किस्‍त

अभिषेक श्रीवास्‍तव (गतांक से आगे) हमने अपने अखबारी जीव से जानना चाहा कि इस गांव की दिक्कत क्या है। उसने बताया कि यहां शुरू में सब ठीक था, लेकिन बाद …

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कहानी तीन गांवों की: दूसरी किस्‍त

अभिषेक श्रीवास्‍तव  (गतांक से आगे) हम आगे बढ़ चुके थे, लेकिन दिमाग खरदना में ही अटका था। गाड़ी में हमारी आपस में बहस भी हो गई। इस चक्कर में हमने …

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कहानी तीन गांवों की : पहली किस्‍त

अभिषेक श्रीवास्‍तव  बचपन में सुदर्शन की लिखी एक कहानी पढ़ी थी ‘हार की जीत’। घटनाओं के विवरण छोड़ दें तो बाकी सब याद है। इसमें एक पात्र था बाबा भारती …

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तालिबान के गढ़ में मलाला की आवाज़

तालिबान की ज्यादतियों के खिलाफ पिछले तीन वर्षों से बेख़ौफ़ आवाज़ बुलंद करने वाली 14 वर्षीय मलाला यूसुफ्जई को एक तालिबानी आतंकवादी ने गोली मार दी और वह अभी भी …

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जैंजिबार के दिन और रातें: आखिरी किस्‍त

(इस श्र्ंखला को आरंभ में 12 किस्‍तों में प्रस्‍तुत करने की योजना थी, लेकिन बीच में कुछ मित्रों का सुझाव आया कि पोस्‍ट बहुत छोटी लग रही है। इसे और …

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