हर्फ़-ओ-हिकायत: तीनकठिया नील की खेती और नये अंग्रेजों के तीन कृषि कानून

नील की तीनकठिया खेती करने वाले किसानों का प्लांटरों के साथ अनुबंध ठीक वैसा ही था जैसा तीन कृषि कानूनों के तहत कंपनी या पैन कार्डधारक किसी व्यक्ति से हुआ अनुबंध। इसीलिए संयुक्‍त किसान मोर्चा और तमाम किसान नेताओं को सरकार की मंशा पर संदेह है।

Read More

हर्फ़-ओ-हिकायत: दलित चिंतकों का सवर्णवादी आदर्श बनाम कांशीराम की राजनीतिक विरासत

कांशीराम ने 1978 में ये भांप लिया था कि पहले से ही दमित समाज को संघर्ष की नहीं सत्ता की जरूरत है और सत्ता से ही सामाजिक परिवर्तन होगा। यही भाव कांशीराम से मायावती में अक्षरश: स्थानांतरित हुआ। इतिहास इसका गवाह है।

Read More

हर्फ़-ओ-हिकायत: सीता की अनकही व्यथा और शापित अयोध्या का अधूरा प्रायश्चित

यह जानना काफी दिलचस्प होगा कि सीता समूचे रामायण को किस नजरिये से देखती रही होंगी। अयोध्या कांड से लेकर उत्तर कांड तक वह मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का साथ एक धर्मपारायण पत्नी की तरह निभाती हैं। सीता भारत के जनमानस में आदर्श महिला की सबसे बड़ी आइकन हैं, लेकिन समूची रामायण में सीता की दृष्टि से कोई भी विवरण नहीं मिलता है।

Read More

निरंकुश सत्ता और पुलिस राज की याद दिलाता है 41 साल पहले हुआ माया त्यागी कांड

सिंडिकेट के खिलाफ राजनीतिक जीत और बांग्लादेश की आजादी सुनिश्चित करने के बाद सर्वशक्तिमान हो चुकीं पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने देश को पहली बार राजनीतिक निरंकुशता से परिचित …

Read More