कृषि और सम्बद्ध क्षेत्रों से 87 अमेरिकी संगठनों ने किया किसान आंदोलन का समर्थन, पढ़ें बयान


अमेरिका के कृषि और उससे सम्‍बद्ध क्षेत्रों के कुल 87 समूहों ने भारत में चल रहे ऐतिहासिक किसान आंदोलन की संयोजक इकाई संयुक्‍त किसान मोर्चा के समर्थन में एकजुटता जताते हुए एक बयान जारी किया है।

अपने बयान में इन समूहों ने किसानों और खेती से जुड़े श्रमिकों के साझा आंदोलन के प्रति सम्‍मान जताते हुए अमेरिका और भारत की सरकारों से कहा है कि वे करोड़ों लोगों की खाद्य सम्‍प्रभुता और आजीविका की सुरक्षा के लिए किसानों का समर्थन करें।

इन समूहों ने भारत में लाये गये दमनकारी कृषि कानूनों के लिए परिस्थितियां निर्मित करने में अमेरिका की भूमिका को भी रेखांकित किया है। बयान कहता है कि विश्‍व व्‍यापार संगठन में भारत द्वारा न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य के सीमित उपयोग का अमेरिका ने विरोध किया था और कहा था कि यह सब्सिडी असंगत है। इसके बावजूद अमेरिकी सरकार अपने यहां के कृषि क्षेत्र पर अरबों डॉलर खर्च करती है जिसके चलते उसके उत्‍पाद विदेशी बाजारों में कम दर पर डम्‍प किये जाते हैं।

बयान में कहा गया है कि बिडेन प्रशासन के पास मौका है कि वह अमेरिका की व्‍यापार नीति को इस तरह से आकार दें ताकि दूसरे देश अपने किसानों के लिए निष्‍पक्ष और स्‍वतंत्र बाजार निर्मित कर सकें, साथ ही अपनी कृषि नीति को ऐसा बनाए कि अमेरिका में पर्यावरणीय और नस्‍ली न्‍याय व बराबरी सुनिश्चित हो सके।   

हस्‍ताक्षरकर्ता इस बात से भी चिंतित हैं कि भारत में कृषि कानूनों को संसदीय प्रक्रिया अपनाये बगैर असंवैधानिक तरीके से पास किया गया और जिस तरह भारत की सरकार किसानों की असहमति के अधिकार को कुचल रही है।

इस बयान को अमेरिका के कृषि, खाद्य और नस्‍ली न्‍याय संगठनों ने प्रयोजित किया है जिनमें नेशनल फैमिली फार्म कोलीशनल, रूरल कोलीशन, नॉर्थवेस्‍ट अटलांटिक मरीन अलायंस, इंस्टिट्यूट फॉर एग्रीकल्‍चर एंड ट्रेड पॉलिसी तथा ग्रासरूट ग्‍लोबल जस्टिस अलायंस शामिल हैं। साथ ही वे तमाम प्रवासी भी इस बयान के समर्थक हैं जो भारत के किसान समूहों के साथ मिलकर काम करते हैं। पूरा बयान अंग्रेज़ी में नीचे पढ़ा जा सकता है:

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